नई दिल्ली :- आचार्य चाणक्य महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ कहे जाते हैं। नैतिकता में बताई गई नीतियों का लाभ आम जीवन में लिया जा सकता है। नैतिकता में आचार्य चाणक्य ने स्त्री की उन गलतियों के बारे में बताया है जो वह अपनी लाइफ पहले तो कर देती है और बाद में उस बात से पछताती है।
आचार्य चाणक्य ने बताया कि नदी के किनारे खड़ा पेड़ कभी भी नष्ट हो सकता है। इसकी जड़ें कभी भी मिट्टी को अपने से दूर कर सकती है। बहते पानी के कारण भूमि का कटाव जारी ही रहता है। ऐसे में जब ये कटाव ज्यादा हो जाता है तो वह बड़े से बड़े वृक्ष को खत्म कर देता है।
ऐसे में जब यह कटाव बढ़ता है तो बड़े से बड़ा पेड़ भी गिर जाता है। इतना ही नहीं जब भी बाढ़ आती है तो ऐसे पेड़ों के गिरने की चिंता भी बनी रहती है। दरअसल आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि इंसान जीवन में कितना भी बड़ा हो जाए उसे घमंड कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि कोई नहीं जानता कि कौन सा समय आने वाला है।
पुरुष पर स्त्री की निर्भरता
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि परिवार की स्त्री या पत्नी को गैर पुरुष के विश्वास पर नहीं छोड़ना चाहिए। बहुत से धर्म में ये सलाह दी जाती है कि स्त्री को किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने से उसका अपना वजूद नहीं रहता है और समाज में उसकी छवि खराब हो जाती है। साथ ही इन महिलाओं की इच्छी कभी पूरी नहीं होती है।
ऐसी महिला तमाम योग्यताओं के होते हुए भी कभी भी उस मुकाम को प्राप्त कर नहीं पाती है। जिसकी असल में वह हकदार होती है। दरअसल आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि नारी को शिक्षित और मजबूत बनाना बहुत जरुरी है। जब वह खुद पैसा कमा लेगी तो उसे किसी के सामने हाथ फैलाने की जरुरत कभी नहीं होती है।
बिना मन्त्री के राजा नहीं बन सकता
आचार्य चाणक्य का कहना है कि एक मंत्री आम लोगों से मिलता है और राजा से बेहतर उनके दर्द और पीड़ा को कोई नहीं समझ पाता है। इस आधार पर ही राजा को निर्णय लेने में मदद् करता है। यदि सच्चा और योग्य मंत्री न हो तो राजा का राजतंत्र कभी भी समाप्त हो सकता है। यदि जनता के सुख-दुःख का ख्याल नहीं रखा गया तो कभी भी जनता के विरोध का सामना भी हो सकता है। आप भी इस नीति को अपने जीवन में उतार सकते हैं कि सही सलाह देने वाला मित्र या गुरु आपके साथ होना चाहिए जो आपको ये बताने वाला है कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत है।