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मध्य पूर्व में जंग के कगार पर इजरायल और ईरान: मिसाइलों की बारिश ने खोला नया मोर्चा

इजरायल :- मध्य पूर्व एक बार फिर तबाही के मुहाने पर खड़ा है। इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद अब ईरान ने भी जोरदार जवाबी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों मिसाइलें दाग दी हैं। शुक्रवार रात को ईरान द्वारा दागी गई लगभग 150 बैलिस्टिक मिसाइलों ने इजरायल के प्रमुख शहरों यरुशलम और तेल अवीव को दहला दिया। इन विस्फोटों से दोनों शहरों में अफरातफरी का माहौल बन गया है और आम जनता दहशत में है।

ईरान की यह कार्रवाई पूरी तरह से योजनाबद्ध प्रतीत होती है। इस हमले को लेकर तेहरान का कहना है कि यह इजरायली हमले का सीधा जवाब है और यदि आगे भी कोई आक्रामकता दिखाई गई तो वे इससे भी बड़ा जवाब देने को तैयार हैं। इन मिसाइलों के निशाने पर सैन्य ठिकाने, एयरबेस और रणनीतिक बुनियादी ढांचे थे। हालांकि इजरायल की आयरन डोम डिफेंस सिस्टम ने कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, फिर भी कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब रहीं, जिससे भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

तेल अवीव और यरुशलम में रातभर सायरन गूंजते रहे। नागरिकों को बंकरों में शरण लेने के लिए कहा गया। अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी गई है। सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे वीडियो में आकाश में रॉकेटों की रेखाएं और धमाकों की तेज आवाजें स्पष्ट देखी-सुनी जा सकती हैं।

इस पूरी स्थिति ने न केवल इजरायल और ईरान को आमने-सामने ला खड़ा किया है, बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अमेरिका ने इजरायल के समर्थन में बयान जारी करते हुए ईरानी हमले की निंदा की है, जबकि रूस और चीन ने संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और दोनों देशों से बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है।

ईरान का यह कदम साफ संकेत देता है कि अब वह भी दबाव में नहीं है, बल्कि खुलकर प्रतिकार करने के लिए तैयार है। इससे पहले तक जहां संघर्ष सीमित था, वहीं अब यह एक व्यापक युद्ध में बदलता दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह युद्ध आगे बढ़ा, तो इससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।

वहीं, इजरायल सरकार ने कहा है कि वह नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी और जवाबी कार्रवाई को पूरी ताकत से अंजाम दिया जाएगा। फिलहाल सीमा क्षेत्रों पर सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सभी एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया गया है।

स्थिति बेहद नाजुक है और अगला कदम दोनों देशों के नेतृत्व पर निर्भर करेगा। क्या यह टकराव पूर्ण युद्ध का रूप लेगा या कूटनीति के रास्ते शांति की कोई उम्मीद बचेगी – इसका जवाब आने वाले कुछ दिनों में सामने आएगा। मगर फिलहाल, इजरायल और ईरान दोनों युद्ध के मैदान में हैं और पूरा विश्व सांसें थामे घटनाक्रम पर नजरें गड़ाए हुए है।

 

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