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बोइंग 787 ड्रीमलाइनर: एअर इंडिया की उम्मीद या चुनौती?

नई दिल्ली :- बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसे उन्नत तकनीक और ईंधन दक्षता के लिए जाना जाता है, दुनिया भर की प्रमुख एयरलाइनों का पसंदीदा विमान रहा है। हल्के वजन वाले कंपोजिट मैटेरियल, आधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम और लंबी दूरी की उड़ान क्षमता के साथ यह विमान एयरलाइन उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाया था। लेकिन हाल ही में एअर इंडिया के एक ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या ड्रीमलाइनर उतना ही सुरक्षित है जितना इसे माना जाता था?

बोइंग 787 की शुरुआत साल 2011 में हुई थी और तब से लेकर अब तक यह विमान कई देशों की व्यावसायिक उड़ानों में शामिल हो चुका है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी लंबी दूरी तय करने की क्षमता है, जिससे यह अमेरिका से भारत, या यूरोप से ऑस्ट्रेलिया जैसी नॉन-स्टॉप उड़ानों में सक्षम है। ड्रीमलाइनर को बनाने में 50% तक कंपोजिट मैटेरियल का उपयोग किया गया है, जो इसे हल्का और ईंधन की खपत में किफायती बनाता है। इसके बड़े-बड़े विंडो पैनल, शांत इंजन और केबिन में बेहतर एयर क्वालिटी यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करते हैं।

हालांकि, इस अत्याधुनिक विमान के साथ तकनीकी समस्याएं शुरू से जुड़ी रही हैं। सबसे पहले 2013 में इसकी लिथियम-आयन बैटरियों में आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं, जिसके कारण कई महीनों तक ड्रीमलाइनर विमानों को ग्राउंड किया गया। उस समय अमेरिकी एविएशन रेगुलेटरी बॉडी FAA और जापान की विमानन एजेंसी ने बोइंग को सुधार के निर्देश दिए थे। एअर इंडिया भी उन एयरलाइनों में शामिल थी जिन्हें बैटरी समस्याओं का सामना करना पड़ा था।

भारत में एअर इंडिया के पास करीब 27 ड्रीमलाइनर विमान हैं, जबकि इंडिगो जैसी एयरलाइन ने भी हाल ही में इन विमानों के ऑर्डर दिए हैं। लेकिन हालिया दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया के सभी ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष जांच के आदेश दिए हैं। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और तकनीकी खामियों की समय रहते पहचान करने के लिए जरूरी माना जा रहा है।

ड्रीमलाइनर का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि बोइंग और संबंधित एयरलाइंस इस विमान की तकनीकी समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेते हैं और उनमें क्या सुधार करते हैं। यात्री सुरक्षा के लिहाज से यह अनिवार्य है कि किसी भी प्रकार की तकनीकी चूक को नजरअंदाज न किया जाए।

कुल मिलाकर, ड्रीमलाइनर एक उन्नत और भरोसेमंद विमान है, लेकिन इसकी जटिल तकनीकी बनावट और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इसे ज्यादा सावधानी की मांग करता है। एअर इंडिया और अन्य एयरलाइंस को चाहिए कि वे नियमित रूप से इन विमानों की जांच कर यात्रियों को सुरक्षित उड़ान अनुभव देने की दिशा में कदम उठाएं।

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