नई दिल्ली :- बीएड करने वाले अब प्राइमरी स्कूलों यानी पहली ये पांचवीं तक के टीचर नहीं बन पाएंगे। इसके लिए अब सिर्फ डीएलएड करने वाले ही आवेदन के पात्र होंगे। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए इस फैसले के बाद बीएड करने वालों के सामने दुविधा की स्थिति है।
लाखों रुपये खर्च करके बीएड करने कई युवा जानना चाहते हैं कि उनके सामने अब नौकरी के क्या-क्या विकल्प हैं। आइए जानते हैं कि अब बीएड करने वालों के पास क्या-क्या ऑप्शन हैं।
टीजीटी और पीजीटी
बीएड करने वालों के सामने एक विकल्प हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में टीचर बनने का है। ट्रेंड ग्रेुजएट टीचर (TGT) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) की भर्ती केंद्रीय विद्यालय और नवोदय से लेकर सभी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में होती है। उत्तर प्रदेश में टीजीटी टीचर की भर्ती में सिर्फ लिखित परीक्षा होती है। जबकि अन्य जगहों पर इंटरव्यू भी होते हैं।
प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक
बीएड करने वालों की मांग प्राइवेट स्कूलों में भी है। अगर फ्लूएंट अंग्रेजी भाषा बोलने आती है तो नामी इंग्लिश मीडिएम स्कूलों में अच्छी सैलरी के साथ टीचर की जॉब की जा सकती है। इसके अलावा हिंदी मीडिएम स्कूलों में भी बतौर टीचर जॉब मिल सकती है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से होने वाली पीसीएस परीक्षा में बीएसए एक ऐसा पद होता है जिसके लिए ग्रेजुएशन के साथ बीएड की भी डिग्री मांगी जाती है। इस तरह बीएड करने वालों के पास जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी यानी बीएसए बनने का भी एक अच्छा ऑप्शन मौजूद है। बीएसए का शुरुआती वेतन करीब 50 हजार रुपये महीने होता है।