नई दिल्ली :- एविएशन सेक्टर में मंदी के चलते अब एयरबस (Airbus) भी बड़े पैमाने पर छंटनी करने की योजना बना रही है। कंपनी ने करीब 2,500 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब एयरबस की मुख्य प्रतिद्वंदी कंपनी बोइंग (Boeing) भी पहले ही बड़ी छंटनी की घोषणा कर चुकी है। इस प्रकार की छंटनियों का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक चुनौतियाँ और एविएशन सेक्टर में धीमी मांग को माना जा रहा है, जिससे कंपनियाँ अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं।
एयरबस और बोइंग जैसी दिग्गज कंपनियों पर महामारी के बाद से एविएशन सेक्टर में आई चुनौतियों का असर देखा जा रहा है। एयरलाइन कंपनियों द्वारा विमान ऑर्डर में कमी, सप्लाई चेन में व्यवधान, और ईंधन की बढ़ती कीमतें जैसे कारणों से इन कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ा है। इसके चलते एयरबस जैसी कंपनियाँ लागत कटौती के उपायों पर ध्यान दे रही हैं, जिसमें कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है।
एविएशन सेक्टर में इस तरह की छंटनियाँ केवल एयरबस या बोइंग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह पूरे उद्योग में एक आम प्रवृत्ति बन गई है। कंपनियाँ अपने ऑपरेशन को अधिक कुशल बनाने और बदलती आर्थिक परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, इन छंटनियों का असर कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों पर व्यापक रूप से देखा जा सकता है, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है।