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एक बार फिर पेटीएम के सीईओ पर गिरी गाज, आईपीओ में मिली गड़बड़ी

नई दिल्ली :- पेटीएम के बॉस विजय शेखर शर्मा अब एक नई मुश्किल में फंस गए हैं। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने विजय शेखर शर्मा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सेबी ने यह नोटिस वन 97 कम्युनिकेशन के उन बोर्ड मेंबर्स को भी भेजा है जो IPO जारी करने के दौरान कंपनी के साथ जुड़े थे।

पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन का इश्यू नवंबर 2021 में लिस्ट हुआ था। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि सेबी को शक है कि विजय शेखर शर्मा और बोर्ड के सदस्यों ने IPO लाने के दौरान कुछ फैक्ट्स को गलत दिखाया था।

सेबी का यह नोटिस विजय शेखर शर्मा और बोर्ड मेंबर्स के नियमों का पालन ना करने पर दिया गया है। सेबी ने यह जांच RBI से मिली कुछ जानकारियों के आधार पर शुरू की हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि इस साल की शुरुआत में ही RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच की थी। उसी से मिले इनपुट के आधार पर अब विजय शेखर शर्मा सेबी की नजरों में आ गए हैं।

पेटीएम-क्या है मामला?

दरअसल इस पूरे मामले की जड़ ये है कि क्या विजय शेखर शर्मा को कंपनी के प्रमोटर के तौर पर माना जा सकता था! क्योंकि जब IPO के डॉक्यूमेंट्स जमा किए गए थे तो उनके पास कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल था ना कि वो एक कर्मचारी थे। इसी वजह से सेबी ने बोर्ड के उन सदस्यों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिन्होंने विजय शेखर शर्मा के इस फैक्ट को स्वीकार किया है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने ये भी बताया कि लिस्टिंग के बाद शर्मा एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन यानि एसोप के लिए अयोग्य हो जाते। क्योंकि सेबी के नियमों के मुताबिक, IPO आने के बाद प्रमोटर्स को एसोप नहीं मिलता है।

इस मामले में ज्यादा जानकारी के लिए सेबी, वन 97 कम्युनिकेशन और डायरेक्टर्स को ईमेल भेजा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं आया है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया, “सेबी का मानना है कि विजय शेखर शर्मा को प्रमोटर माना जाना चाहिए। और इस हिसाब से उन्हें ए एसोप नहीं मिलना चाहिए था। कंपनी के बोर्ड के सदस्यों का ये काम था कि वो फाउंडर के दावों की पुष्टि करे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

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