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धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस, लगे गंभीर आरोप

नई दिल्ली :- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को कथित तौर पर हटाए जाने के मुद्दे पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को भेजे गए नोटिस में रमेश ने कहा कि सात अगस्त, 2024 को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तीसरी और छठी कक्षा के बच्चों के लिए एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यपुस्तकों में भारत के संविधान की प्रस्तावना को हटाए जाने का मुद्दा उठाया था।

उन्होंने कहा, ”इसके जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बाद में कहा कि अभी छठी कक्षा की जो पाठ्यपुस्तक आई है, उसमें भी प्रस्तावना है।” राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रमेश के अनुसार प्रधान का यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है।

उन्होंने कहा, ”अपने तर्क के समर्थन में मैं तीसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक ”लुकिंग अराउंड” (पर्यावरण अध्ययन), नवंबर, 2022 संस्करण, हिंदी में पाठ्यपुस्तक जिसका शीर्षक “रिमझिम-3′ (नवंबर, 2022 संस्करण) है और छठी कक्षा की पाठ्यपुस्तक की प्रतियां संलग्न कर रहा हूं।”

रमेश ने कहा कि स्कूली बच्चों की पाठ्यपुस्तकों में से संविधान की प्रस्तावना को हटा देना भारत के संविधान की भावना के बारे में इस देश के युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करने की अवधारणा का घोर अपमान है। उन्होंने कहा कि सदन के पटल पर ”भ्रामक और तथ्यों की गलत बयानी” विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना है।

रमेश ने धनखड़ को संबोधित नोटिस में कहा, ”इसलिए, मैं आपसे इस संबंध में धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध करता हूं।”

शिक्षा मंत्री प्रधान ने बुधवार को कहा कि संविधान की प्रस्तावना छठी कक्षा की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में है। उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया था।

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