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वक्फ संशोधन बिल को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में किया पेश

नई दिल्ली:- वक्फ संशोधन बिल को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया। इस संशोधन बिल पर लोकसभा के सदस्य चर्चा में अपनी बात रख रहे हैं। कांग्रेस ने इसे संविधान पर आघात, लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश,अल्पसंख्यकों के हितों पर हमला करार दिया तो सरकार की तरफ से जेडीयू ने अपना रुख पर साफ कर दिया जिसे लेकर सस्पेंस बना हुआ था।

इस सबके बीच ये समझते हैं कि आखिर वक्फ बोर्ड है क्या और इसकी संपत्ति कौनसी होती है। अगर भारत देश की बात करें तो संपत्ति ( जमीन ) के मामले में वक्फ बोर्ड का नम्बर सेना और रेलवे के बाद आता है। पूरे देश में वक्फ बोर्ड के पास लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ भूमि है, जिस पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति है।

वक्फ अलल औलाद के मायने ये हैं कि वो ज़मीन-जायदाद जो कोई मुस्लिम दान कर देता है।इसे अल्लाह की सम्पति की कहते हैं। दान की संपत्ति का इस्तेमाल जन-कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। हालाँकि उसका मैनेजमेंट दानदाता के परिवार के पास रहता है। परिवार के सदस्य इस ज़मीन को अब बेच नहीं सकते। हाँ इतना जरुर है कि वो संपत्ति के इस्तेमाल पर फ़ैसला ले सकते हैं।

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर लोकसभा में कहा कि बोलते हैं। ये बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के लिए तैयार हो रहा है। अध्यक्ष महोदय मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।अखिलेश यादव के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं। अखिलेश जी क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते। आप नहीं हो स्पीकर के अधिकार के संरक्षक।

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा  यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है। इस विधेयक को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।

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