नई दिल्ली:- जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम से जीएसटी वापस लेने की मांग को लेकर इंडिया गठबंधन ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को हटाने या कम करने की मांग के बीच सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में लगने वाले टैक्स से सरकार को 21,256 करोड़ रुपये मिले हैं जिसमें 2023-24 के दौरान 8,263 रुपये सरकार के खाते में आए हैं।
बनर्जी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में कहा कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा का मुख्य उद्देश्य बीमारी, दुर्घटना और अकाल मृत्यु जैसे अप्रत्याशित हालात में वित्तीय सुरक्षा और सहायता देना है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा मैं बहुत दुख के साथ आपको जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों और उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने और नयी कर व्यवस्था में आयकर अधिनियम की धारा 80सी और 80डी के तहत कटौती वापस लेने के बारे में लिख रही हूं जो मेरे हिसाब से बेहद जनविरोधी है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने सीतारमण से जनविरोधी कराधान नीतियों की समीक्षा करने और जीवन बीमा तथा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लेने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने कहा कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लेने और नयी कर व्यवस्था में ऐसे प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी और 80डी के तहत कटौती शामिल करने से व्यापक बीमा कवरेज की सुविधा मिलेगी।
स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा पर 18 प्रतिशत की जीएसटी नीति बीमाधारकों की सामाजिक सुरक्षा पर बड़ा बोझ बन गया है। उनका कहना था कि जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा का मकसद बीमारी, दुर्घटना तथा अकाल मृत्यु की स्थिति में परिजनों को वित्तीय सुरक्षा और समर्थन प्रदान करना है लेकिन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी बढ़ाने से आम लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा इसलिए जीएसटी बढाने का फैसला वापस लिया जाना चाहिए।
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