महाराष्ट्र:- महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा इलेक्शन को लेकर तेज हो रही हैसियासी हलचल। अजित गुट के कई नेताओं ने आज मनोज जरांगे से मुलाकात की।
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव परिणाम में अजित पवार (Ajit Pawar) की एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी को काफी नुकसान हुआ। सीटों के लिहाज से नुकसान के पीछे कई कारण बताये जा रहे हैं। इन्हीं कारणों में से एक अहम कारण ‘मराठा आरक्षण’ मुद्दे को भी माना जा रहा है। 2024 के चुनाव में मिली हार के बाद आज एनसीपी के कई नेताओं ने मनोज जरांगे से मुलाकात करी है।
अजित पवार गुट के एनसीपी विधायक बाबासाहेब पाटिल ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ जा कर मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की, और उन्होंने यह भी संदेश दिया कि हम आपके हर तरह से आप के साथ हैं।
बीड लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के बजरंग सोनवणे ने पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को हराकर जीत हासिल की है। जालना निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे की हार ने भी पार्टी को चौंका दिया। इस लोकसभा चुनाव में मनोज जरांगे का असर देखने को मिला है। परभणी और बीड में महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों ने खुद स्वीकार किया है कि उनकी जीत का कारण मनोज जरांगे है। लिहाजा, महायुति को अब आगामी विधानसभा चुनाव में नुकसान ना हो इसकी तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी गई है ।
एनसीपी विधायक बाबासाहेब पाटिल ने 50 कारों और कई कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ अंतरवाली सराती में दाखिल हुए। इस दौरान विधायक पाटिल ने मनोज जरांगे से मुलाकात की और उनका अभिनंदन भी किया। हालांकि, राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि मराठवाड़ा में कुछ मराठा सांसदों की जीत में ‘जरांगे फैक्टर’ ने अहम भूमिका निभाई है।
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव 2024 में 48 सांसदों की सूची देखें तो इसमें 26 मराठा सांसद शामिल हैं, सिर्फ 9 सांसद ही ओबीसी समुदाय से हैं। 6 सांसद अनुसूचित जाति के हैं, 4 सांसद अनुसूचित जनजाति के हैं और 3 सांसद खुले वर्ग के हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या यह पिछले कुछ महीनों में राज्य में बने राजनीतिक माहौल, मराठा आरक्षण के लिए चले आंदोलन और उससे हुए मराठा वोटों के ध्रुवीकरण का नतीजा है?
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