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भारतवंशी सुनीता विलियम्स ने फिर रचा इतिहास, मिशन पर अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बनीं

ह्यूस्टन (अमेरिका):- भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने बुधवार को तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरीं। वह बोइंग के सीएसटी-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरने वाली पहली सदस्य बन गई हैं।

 

सुनीता विलियम्स के लिए यह उड़ान उनके करियर में एक और मील का पत्थर है। इससे पहले सुनीता विलियम्स ने 2006-2007 और 2012 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अपने मिशन के दौरान एक महिला द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक (7) और स्पेसवॉक टाइम (50 घंटे, 40 मिनट) का रिकॉर्ड बनाया हुआ है।

 

इस बार उड़ान परीक्षण की पायलट हैं सुनीता विलियम्स

विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से कल रवाना हुआ । 58 वर्षीय विलियम्स उड़ान परीक्षण की पायलट हैं, जबकि 61 वर्षीय विल्मोर मिशन के कमांडर हैं। यह मिशन पहले कई बार प्रभावित हो चुका है। इसके गुरुवार दोपहर 12:15 बजे अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की संभावना है।

 

बोइंग का इरादा स्टारलाइनर को स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के साथ प्रतिस्पर्धा करना है, जो 2020 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन चालक दल के सदस्यों को स्पेस स्टेशन पर भेजने के लिए नासा का एकमात्र स्पेशक्राफ्ट रहा है। बोइंग रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा अध्यक्ष और सीईओ टेड कोलबर्ट ने कहा कि यह चालक दल उड़ान परीक्षण अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग की शुरुआत है। हम अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित पहुंचाने और घर वापस लाने के लिए उत्सुक हैं।

 

एटलस वी राकेट से भेजे जाने वाले विल्मोर और विलियम्स पहले यात्री हो गए हैं। क्रू सदस्यों के साथ स्टारलाइनर लगभग 345 किलो कार्गो भी ले गया है। विलियम्स और विल्मोर पृथ्वी पर लौटने से पहले अंतरिक्ष स्टेशन पर लगभग एक सप्ताह बिताएंगे।

 

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