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आईसीजे ने गाजा के रफाह में इजरायल को तत्काल युद्ध रोकने का दिया आदेश, कानूनी रूप से बाध्यकारी है फैसला

हेग (नीदरलैंड):- गाजा के रफाह में फिलिस्तीनियों के नरसंहार को लेकर संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इजरायल (आइसीजे) को बड़ा आदेश दिया है। आइसीजे ने इजरायल को गाजा के दक्षिणी शहर रफाह में अपने सैन्य अभियान को तत्काल रोकने का आदेश दिया है।

आइसीजे का यह फैसला इजरायल के लिए बाध्यकारी है। हालांकि इसका पालन कैसे होगा, इसे लेकर आइसीजे भी चिंतित है। वहीं इस मामले में इजरायल कहता रहा है कि उसे हमास के आतंकवादियों से खुद की रक्षा करने का अधिकार है।

 

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के इस आदेश के बाद इजरायल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि अब गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध को रोकने के लिए उस पर वैश्विक दबाव बढ़ गया है। आइसीजे ने की 15 न्यायाधीशों की पीठ ने तीसरी बार गाजा में हताहतों की संख्या घटाने और मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए प्रारंभिक आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया है। आदेश कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं, लेकिन उन्हें लागू करने के लिए अदालत के पास कोई शक्ति नहीं है।

आइसीजे ने कहा तुरंत हमले रोकें

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने शुक्रवार को इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाने वाले दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर यह ऐतिहासिक आपातकालीन फैसला दिया है। इसमें इजरायल को दक्षिणी गाजा शहर राफा पर अपने सैन्य हमले को तुरंत रोकने का आदेश दिया गया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई साधन नहीं है। ऐसे में इजरायल इस फैसले का पालन करेगा, ऐसी संभावना नहीं दिखती। मगर अब उसके सबसे बड़े सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका पर भी युद्ध रोकवाने का दबाव होगा।

जज ने ऐसे पढ़ा फैसला

फैसले को पढ़ते हुए विश्व न्यायालय के अध्यक्ष नवाफ सलाम ने कहा कि फिलिस्तीनी एन्क्लेव में स्थिति तब से और खराब हो गई है, जब से अदालत ने इजरायल को इसे सुधारने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया था। अब इजरायल तुरंत रफाह में अपने सैन्य आक्रमण और किसी भी अन्य कार्रवाई को रोके, जो गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के जीवने के लिए विनाशकारी हो। सलाम ने कहा, “इजरायल ने निकासी प्रक्रिया के दौरान आबादी की सुरक्षा या 800,000 फिलिस्तीनियों के लिए भोजन, पानी, स्वच्छता और दवा की उपलब्धता के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी थी, जो पहले ही राफा से भाग चुके थे।” “परिणामस्वरूप, अदालत का मानना है कि इज़रायल ने राफा में अपने सैन्य हमले से उत्पन्न चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित और दूर नहीं किया है।

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