उज्जैन:- लोकसभा चुनाव निपटते ही उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एक्शन मोड में दिखाई दिए. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि यदि राजस्व संबंधी किसी भी प्रकार के प्रकरण में लोगों को परेशान होना पड़ा तो इसका खामियाजा अधिकारियों को भुगतना पड़ेगा.
कलेक्टर ने आदेश दिए हैं कि जमीनों के बंटवारे, सीमांकन, नपती आदि में किसी आम व्यक्ति को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने प्रशासनिक संकुल भवन में बैठक का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने जिले के सभी पटवारियों को सख्त हिदायत दी कि आमजनों के कार्यों को पूरी तत्परता से करें. लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक परेशान ना होना पड़े. अक्सर यह देखने में आ रहा है कि पटवारियों द्वारा अज्ञात नंबरों से लोगों के फोन नहीं उठाए जाते हैं. शासकीय सेवक रूप में ऐसा आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी पटवारी अपने निर्धारित मुख्यालय पर रहे, लोगों के फोन उठाएं और उनके कार्यों को गंभीरता से करें.
एसडीएम और तहसीलदार को दिए यह निर्देश
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बैठक में सभी एसडीएम और तहसीलदारों का निर्देश दिए कि हर सप्ताह बुधवार को अपने क्षेत्र के पटवारियों की बैठक आयोजित की जाए, जिसमें राजस्व प्रकरणों के निराकरण के निर्धारित फॉर्मेट में पटवारी रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा करें. राजस्व प्रकरण में 15 दिन से अधिक पटवारी रिपोर्ट लंबित रहने पर संबंधित पटवारी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएं.
सीमांकन के प्रकरण में होगी सख्त करवाई
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि सभी तहसीलदार सीमांकन के लंबित चरणों को चिन्हित कर उनमें डेट निर्धारित करें. इस माह के अंत तक सभी सीमांकन के लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण सुनिश्चित कराएं. सीमांकन से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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