चुनाव:- कांग्रेस अध्यक्ष प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर नसीम खान ने कहा कि , “महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है।” उन्होंने कहा कि राज्य में कई मुस्लिम संगठन के नेता और पार्टी कार्यकर्ता को कांग्रेस से उम्मीद थी कि वह उल्पसंख्यक समुदाय में से कम से कम एक कैंडिडेट को टिकट देंगे। मगर, उन्हें पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया।
नसीम खान ने बताया कि कई पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनसे सवाल कर रहे हैं, कांग्रेस को मुस्लिमों को वोट चाहिए, उम्मीदवार क्यों नहीं। इस संबंध में उन्होंने खड़गे को पत्र लिखकर कहा इन सभी कारणों से मैं मुसलमानों का सामना नहीं कर पाऊंगा और मेरे पास कोई जवाब नहीं है।” इसी के साथ उन्होंने महाराष्ट्रम कांग्रेस अभियान समिति से इस्तीफा देना का भी जिक्र किया।
आरिफ ने कहा, “बहुत से मुस्लिम संगठनों, नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि कांग्रेस कम से कम एक मुसलमान उम्मीदवार तो उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस को मुस्लिम वोट चाहिए, उम्मीदवार क्यों नहीं। लोग मुझसे पूछते हैं कि आपकी पार्टी ने किसी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया है? मेरे पास मुस्लिम समाज के इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। इसके चलते मैं उनका सामना नहीं कर सकता।” पत्र में आरिफ खान ने यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र कांग्रेस अभियान समिति से भी इस्तीफा दे रहे हैं।
महाराष्ट्र के 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस
बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस का गठबंधन शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) के साथ है। राज्य में लोकसभा की 48 सीटें हैं। इनमें से 17 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। मुहम्मद आरिफ खान मुंबई उत्तर मध्य से टिकट की दौड़ में थे। कांग्रेस ने यहां से वर्षा गायकवाड़ को टिकट दिया है। उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव मुंबई के चांदीवली से लड़ा था, जहां वह 409 वोटों से हार गए थे।
आरिफ खान ने कहा, लोग मुझे फोन कर रहे हैं। पूछ रहे हैं कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में चुनाव के लिए टिकट बांटते समय मुसलमानों को क्यों नजरअंदाज किया है। मैं इस सवाल का सामना नहीं कर पा रहा हूं। पार्टी अपनी समावेशी विचारधारा और सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व देने से भटक गई है।
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