इस्लामाबाद :- एक उच्च-स्तरीय जांच निकाय ने नवंबर 2017 में एक कट्टरपंथी इस्लामी समूह के कुख्यात धरने पर अपना बयान देने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व जासूस प्रमुख लेफ्टिनेंट-जनरल फैज हमीद को अगले हफ्ते तलब किया है। धरने का नेतृत्व मौलवी खादिम हुसैन रिजवी के नेतृत्व में तहरीक-ए-लबियाक पाकिस्तान (टीएलपी) समूह के कार्यकर्ताओं ने किया। प्रदर्शनकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों की शपथ में कुछ बदलावों से नाराज थे, उनका आरोप था कि यह पैगंबर की अंतिमता की इस्लामी अवधारणा का उल्लंघन है।
आयोग ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व महानिदेशक हमीद को अगले हफ्ते अपना बयान दर्ज कराने के लिए दूसरी बार बुलाया है।
हमीद ने जून 2019 से अक्टूबर 2021 तक डीजी-आईएसआई के रूप में कार्य किया है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व आईएसआई प्रमुख को रक्षा मंत्रालय के जरिए दो नोटिस भेजे गए थे।
पहले नोटिस में उन्हें दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बुलाया गया था, लेकिन नोटिस समय पर नहीं दिया जा सका, जिसके परिणामस्वरूप सेवानिवृत्त जनरल आयोग के सामने पेश नहीं हुए।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, अब दूसरा नोटिस भेजकर उन्हें अगले हफ्ते आयोग के सामने पेश होने और धरने के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने और इस मामले में सबूत जुटाने में आयोग की मदद करने को कहा गया है।