लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में नए विधानमंडल भवन की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर अब शासन ने अपनी कार्यवाही तेज करदी है। सूत्रों की माने तो जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उसमें लोकभवन के पास दारुल शफा, हजरतगंज में नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के कब्जे वाला क्षेत्र और सुल्तापुर रोड पर चक गजरिया फार्म क्षेत्र शामिल है।
शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम नई इमारत के लिए जगह के चयन की प्रक्रिया में हैं। राज्य सरकार के सलाहकार एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड जिसने नए संसद भवन का डिजाइन तैयार किया है राज्य विधानमंडल के नए भवन के निर्माण के लिए संभावित स्थलों के विकल्प प्रदान करेगा और शीर्ष पर एक प्रस्तुति देने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने यह भी कहा कि राज्य सरकार नए भवन के लिए जगह के चयन की प्रक्रिया में है हालांकि उन्होंने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा नहीं रखी है।
उन्होंने कहा कि हमने 2023-2024 के लिए राज्य के बजट में एक नए विधानमंडल भवन के निर्माण के लिए 50 करोड़ की राशि निर्धारित की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य विधानमंडल के लिए एक नई इमारत चाहते हैं और राज्य सरकार नई इमारत के लिए जगह के चयन की प्रक्रिया में है।
विकास से परिचित अन्य लोगों ने कहा कि दारुल शफा क्षेत्र के विकल्प पर 1990 के दशक में विचार किया गया था और मौजूदा विधान भवन के सामने मौजूदा विधानभवन की प्रतिकृति प्रस्तावित की गई थी। इसी जगह के एक हिस्से पर लोक भवन बना है।
उत्तर प्रदेश विधान भवन का मौजूदा मुख्य भवन जिसमें विधान सभा है जिसका निर्माण 1928 में किया गया था। तत्कालीन यू.पी. गवर्नर सर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर ने 15 दिसंबर, 1922 को भव्य भवन की आधारशिला रखी थी और 21 फरवरी, 1928 को इसका उद्घाटन किया गया था। विधान भवन के लिए 21 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी जो विधान भवन भवन में से एक है।