लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- महिला आरक्षण बिल पर BSP प्रमुख मायावती इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सकेगा। सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा। जनगणना में काफी समय लगता है। इसके बाद ही यह बिल लागू होगा… इससे साफ है कि यह बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है बल्कि आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया है।
मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाली पार्टियों को निशाने पर लिया। कहा कि जातिवादी पार्टियां महिलाओं को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहती हैं। मायावती ने महिला आरक्षण में अलग से ओबीसी और एससी-एसटी कोटा निर्धारित करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इन वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो हम ये मान कर चलेंगे कि ये भी कांग्रेस की तरह इन्हें हाशिये पर रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल लम्बे समय से टलता आ रहा है। अब उम्मीद है कि सभी पार्टियां साथ देंगी और इस बार ये बिल पास हो जाएगा। मायावती ने कहा कि सीटें बढ़ाई जाएं तो किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। महिला आरक्षण बिल को हम पूरा समर्थन देंगे। इसे पास कराने में मदद करेंगे।