नई दिल्ली:- समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने बताया कि सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला तथा अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए।
लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में ये लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगा और परिसीमन कब होगा?
नए संसद भवन में केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में मंगलवार को महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। संसद के विशेष सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार में विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इस बिल को पेश किया। इस पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि इस बिल का समर्थन करतीं हूं। लेकिन हम चाहते हैं जो आखिरी पंक्ति में खड़ी हुई महिला को भी उसका हक मिलना चाहिए।
सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं। अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे। ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं जब चुनाव हैं…सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के रास्ते पर ही जाते दिखाई दे रहे हैं। पिछली बार मुलायम सिंह यादव ने पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को अलग से आरक्षण की मांग करते हुए बिल का विरोध किया था। अब अखिलेश यादव ने भी मुलायम सिंह यादव की बातों को दोहराया है। उन्होंने महिला आरक्षण में पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों के लिए भी कोटा की मांग कर दी है।
महिला आरक्षण बिल को लेकर अखिलेश यादव ने ट्विटर (अब एक्स) पर लिखा कि महिला आरक्षण में लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए। अखिलेश की तरह उनकी पत्नी और लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने भी पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की बात कही।