नई दिल्ली :- कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब कल मैं संविधान (संविधान की नई प्रतियां) पढ़ रहा था तो मुझे ये (धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी) दो शब्द नहीं मिले। तब मैंने इन्हें अपने आप से जोड़ दिया और उसके बाद मैंने इसे राहुल गांधी को भी दिखाया… इसमें 1976 में संशोधन किया गया था, तो हमें आज संशोधन क्यों नहीं मिलेगा। हम संशोधन क्यों करते हैं? यह हमारे संविधान को बदलने की जानबूझकर की गई कोशिश को दर्शाता है।
बीते मंगलवार को कांग्रेस सांसद मंगलवार को संविधान की एक प्रति के साथ पुराने भवन से नए संसद भवन की ओर चले। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, पार्टी सांसद गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा, केसी वेणुगोपाल, राजीव शुक्ला, शक्तिसिंह गोहिल, अखिलेश प्रसाद सिंह। रेवंत रेड्डी, डीएमके नेता कनिमोझी और अन्य लोग पुराने संसद भवन से निकलते समय संविधान की प्रति लेकर चले।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण की बात जो पीएम कह रहे हैं उसकी बात मई, 1989 में राजीव गांंधी ने की थी उन्होंने पंचायतों में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए बिल पेश किया था। यह बिल राज्यसभा में पास हो गया था लेकिन लोकसभा में पास नहीं हो सका था तब से कांग्रेस इसकी मांग कर रही है।
उन्होंने कहा कि 1993 में नरसिम्हा राव की सरकार, उसके बाद मनमोहन की सरकार ने जो बिल लाया था वह आज तक जीवित है। हमारी हाल ही में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी महिला आरक्षण बिल पास करने का संकल्प लिया गया। उन्होंने कहा कि यह बिल राज्यसभा में पास हो गया था लेकिन लोकसभा में पास नहीं हो सका था।
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