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महिलाएं सिर्फ राजनीतिक पार्टी में डंडे, झंडा, कुर्सी उठाने के लिए नहीं

नई दिल्ली :- अखिल भारतीय मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने महिला आरक्षण बिल पर कहा, “अभी भी पुरुषवादी लोग अहम् में महिलाओं को पीछे कर देते हैं। महिलाएं सिर्फ राजनीतिक पार्टी में डंडे, झंडा, कुर्सी उठाने के लिए नहीं है। महिलाओं को भी टिकट मिलना चाहिए।

फिल्म की हिरोइन, जिन्होंने कभी संघर्ष नहीं किया। उनको क्यों लोकसभा या राज्यसभा में भेजा जाता है? हमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देखकर खुशी होती है। हमें इससे मतलब नहीं कि वे किस समाज या समुदाय से आई हैं। हमारी राष्ट्रपति महिला हैं उसी से हमें गर्व होता है।”

“इस बिल को कांग्रेस पार्टी ला रही थी और लोकसभा में पास भी हुआ था लेकिन वर्तमान की सरकार, जो उस समय विपक्ष में थी, रोक दिया था। हम चाहते हैं कि यह सरकार उदारता से और सभी पक्षों की सहमती से इस एतिहासिक बिल को पास करे। इसमें योग्य महिलाओं को ही सीट दी जाए। ऐसा ना हो कि अगर पति मुख्यमंत्री है तो उसकी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया जाए।”

वहीं मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाली पार्टियों को निशाने पर लिया। कहा कि जातिवादी पार्टियां महिलाओं को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहती हैं। मायावती ने महिला आरक्षण में अलग से ओबीसी और एससी-एसटी कोटा निर्धारित करने की मांग उठाई।

उन्होंने कहा कि इन वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो हम ये मान कर चलेंगे कि ये भी कांग्रेस की तरह इन्हें हाशिये पर रखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल लम्बे समय से टलता आ रहा है। अब उम्मीद है कि सभी पार्टियां साथ देंगी और इस बार ये बिल पास हो जाएगा। मायावती ने कहा कि सीटें बढ़ाई जाएं तो किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। महिला आरक्षण बिल को हम पूरा समर्थन देंगे। इसे पास कराने में मदद करेंगे।

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