मीरजापुर से तारा त्रिपाठी की स्पेशल रिपोर्ट
मीरजापुर (उत्तर प्रदेश):- उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के प्लान आफ एक्सन के तहत जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल के निर्देशन पर जिला कारागार में विचाराधीन बन्दियों के हितार्थ अभिवाक सौदेबाजी (मोलभाव) एवं धारा 436ए सी.आर.पी.सी. के प्राविधान के लाभ से सन्दर्भित जागरूकता शिविर कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव डीएलएसए लाल बाबू यादव ने की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव / अपर जनपद न्यायाधीश लाल बाबू यादव ने जेल में उपस्थित महिला पुरूष विचाराधीन बन्दियों को बताया कि प्ली बारगेनिंग विधि की व्यवस्था पश्चिमी देशों में पहले से ही लागू है, इसे भारत वर्ष में भी लागू किया गया है। इस प्ली बारगेनिंग कानून से विचाराधीन बन्दियों के ट्रायल केशों में लाभ प्रदान किया जाता है। बन्दियों के अपराध सिद्ध होने के पूर्व अभियुक्त को रिहा करने हेतु अभिवाक (मोल-भाव ) सौदेबाजी वार्ता कर सजा कम किया जा सकता है।
इस विधि पर कार्यवाही हेतु अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष एक आवेदन मय शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करना होगा। अभिवाक सौदेवाजी विधि का प्राविधान 7 वर्ष से कम सजा में लागू होगा। प्ली बारगेनिंग की कार्यवाही में अभियुक्त द्वारा दिये गये बयान व शपथपत्र पठनीय नहीं होगें।
साथ ही उपस्थित विचाराधीन बन्दियों से उनकी समस्याओं को भी सूने और खाना, दवा, इलाज इत्यादि के बारे में भी जानकारी लिए और बन्दियों के समस्याओं का निदान त्वरित किए। प्रभारी जेल अधीक्षक अरूण कुमार मिश्र ने उपस्थितजनों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बन्दियों को सरल शब्दो में बताया कि प्ली बारगेनिंग विधि सजा में मोलभाव करने की विधिक प्रक्रिया है जिसमें विचाराधीन बन्दियों को सजा में काफी हद तक न्यायालय द्वारा रियायत मिल जाती है।
प्रत्येक विचाराधीन बन्दियों को इस विधि को अपने-अपने मुकदमें में अपनाना चाहिए। प्ली बारगेनिंग विधि जागरूकता शिविर विषय पर डिप्टी जेलर स्मिता भाटिया, अश्वनी कुमार उपाध्याय, रिटेनर अशोक कुमार यादव, विष्णु सिंह, ने बन्दियों को विस्तृत विधिक जानकारी दिए। शिविर में वरिष्ठ सहायक दीपक कुमार श्रीवास्तव, पीएलवी अजय, रविन्द्र टैगोर, जय प्रकाश, प्रदीप श्रीवास्तव एवं जिला कारागार के समस्त स्टाफ उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किए।