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ऋषि सुनक ने अमेरिकन बुली डॉग पर लगाया बैन

ब्रिटेन:- ब्रिटेन के बर्मिंघम में अमेरिकन बुली डॉग नस्ल के कुत्ते ने एक 11 वर्षीय लड़की को काट लिया, वहीं लड़की को बचाने गए 2 शख्स पर भी उसने हमला कर दिया है। घायल अवस्था में उनका इलाज चल रहा है।

इसके बाद से ब्रिटेन में लगातार इस कुत्ते को बैन करने की मांग उठ रही थी. तभी इस नस्ल के कुत्ते के काटने से एक शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद आपात बैठक में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस कुत्ते पर बैन लगाने का बड़ा फैसला किया है।

अमेरिकन बुली डॉग के हमले में गुरुवार को वॉल्सॉल में एक व्यक्ति की मौत हो गई। और शनिवार को बर्मिंघम के बोर्डेस्ले ग्रीन में भी 11 वर्षीय एक लड़की अमेरिकन बुली डॉग की हमले की शिकार हुई।‌ एक हफ्ते में लगातार दो हमले के बाद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस नस्ल के कुत्ते पर बैन लगाने का फैसला किया है।‌

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुत्तों को इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड में लागू होने वाले कानून के तहत साल के अंत तक प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इस नस्ल के कुत्तों के मालिक इस बात पर ज़ोर देते हैं कि अपने डरावने रूप और बनावट के बावजूद, कुत्ते प्यारे घरेलू पालतू जानवर हैं।

अपनी शक्तिशाली बनावट के बावजूद इन कुत्तों का व्यवहार काफी सौम्य और मैत्रीपूर्ण होता है, लेकिन यह अपनी आक्रामकता की विशेषता के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि इस नस्ल के कुत्ते की उत्पति अमेरिका में 1980 के दशक के अंत में हुई थी।

अमेरिकी पिटबुल टेरियर्स और अमेरिकी स्टैफोर्डशायर टेरियर्स को क्रॉस ब्रीड कराने के बाद ये कुत्ता पैदा हुआ, हालांकि इसे और अधिक मांसल कुत्ता बनाने के लिए अन्य नस्लों के क्रॉस ब्रीडिंग कराई गई।

इस नस्ल के कुत्तों की चार प्रकार है, स्टैंडर्ड, पॉकेट, क्लासिक और एक्सएल. अमेरिकी बुली एक्सएल का वजन नौ स्टोन (60 किलोग्राम) से अधिक हो सकता है। यह एक वयस्क आदमी को मात देने की काबिलियत रखता है।

मालूम हो कि अमेरिकी बैल डॉग को अमेरिका में एक विशिष्ट नस्ल माना जाता है, लेकिन केनेल क्लब जैसे मुख्य ब्रिटिश कुत्ता संघों द्वारा इसे मान्यता नहीं दी गई है। पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि पिछले साल अमेरिकी बुली डॉग के हमलों से होने वाली मौतों में अचानक 10 की वृद्धि हुई। प्रेस रिपोर्टों से मिले डेटा के अनुसार साल 2021 में 14 मौतों हुई थी।

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