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पड़ोसी देशों से सामान खरीदने में नहीं चलेगी राज्य की मनमर्जी

नई दिल्ली :- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के ‘प्रोक्योरमेंट पॉलिसी डिविजन’ ने अब सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए भारत की सीमा से लगते देशों के साथ किसी सामान की खरीददारी के लिए कुछ शर्तें लगाई हैं। पहले इसी तरह का आदेश विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के लिए भी जारी किया गया था। इसके बाद मार्च 2023 में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए भी वही आदेश आया था। अब 11 सितंबर को भी वित्त मंत्रालय द्वारा दोबारा से सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए वही आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार या केंद्रशासित प्रदेश, भारत की सीमा से लगते राष्ट्रों के साथ मनमर्जी से कोई खरीददारी नहीं कर सकते। उसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का आधार देखा जाएगा। ऐसे उपकरणों की सूची जारी की गई है, जिसकी खरीद के लिए संबंधित कंपनी को विदेश मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय की इजाजत लेनी होगी।

 

राष्ट्रीय सुरक्षा और डिफेंस को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने सेंसेटिव सेक्टर की पहचान की है। अगर इन सेक्टर से जुड़ा कोई सामान खरीदना है तो उसके लिए संबंधित फर्म को इजाजत लेनी होगी। सेंसेटिव सेक्टर में एटोमिक एनर्जी, ब्रॉडकास्टिंग (प्रिंट/डिजिटल मीडिया), डिफेंस, टेलीकम्युनिकेशन, स्पेस, पावर एंड एनर्जी, बैंकिंग, फाइनेंस व इंश्योरेंस, सिविल एविएशन, पोर्ट एंड डैम निर्माण, रिवर वैली प्रोजेक्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, मेट्रोलोजी एंड ओसिएन आब्जर्वेशन, माइनिंग एंड एक्ट्रेक्शन, रेलवे, फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइस, एग्रीकल्चर, हेल्थ, अर्बन ट्रांसपोर्ट, ऐडिटिव मेनुफेक्चरिंग, केमिकल टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर आदि शामिल हैं।

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