नई दिल्ली:- केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को उत्सर्जन में कटौती में मदद के लिए डीजल वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने की आवश्यकता की बात कही, लेकिन बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के 63वें वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने कहा, ‘मैं वित्त मंत्री से डीजल इंजन/वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का अनुरोध करूंगा। केवल इसी तरह डीजल वाहनों को धीरे-धीरे हटाया जा सकता है।’ हालांकि, इस बयान के थोड़ी देर बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि सरकार के समक्ष वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्सर्जन में कटौती के लिए स्वच्छ ईंधन को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है।’
सियाम के वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने आगाह किया कि सरकार कर इतना बढ़ा देगी कि डीजल की गाड़ियां बेचना मुश्किल हो जाएगा। गडकरी ने कहा, ‘डीजल को अलविदा कहें…कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम कर इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कार बेचना मुश्किल हो जाएगा।’