14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। मधुमेह एक गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो आज दुनियाभर में हर 10 में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या शरीर इंसुलिन का उपयोग सही ढंग से नहीं कर पाता। इंसुलिन की इस कमी के कारण रक्त में शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
मधुमेह के लक्षणों में शामिल हैं
अत्यधिक प्यास लगना
बार-बार मूत्र त्यागने की आवश्यकता
धुंधला दृष्टि
थकावट महसूस होना
बिना किसी कारण वजन का कम होना
मधुमेह के प्रकार:
टाइप 1 मधुमेह – इसे रोकना संभव नहीं है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करता है जिससे इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है।
टाइप 2 मधुमेह – इसे अक्सर एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है। इसके लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना शारीरिक रूप से सक्रिय रहन संतुलित आहार का सेवन करना और तंबाकू का उपयोग न करना फायदेमंद होता है।
गर्भावधि मधुमेह – यह गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है और तब होता है जब शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनता जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है आमतौर पर यह बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाता है।
रोकथाम और उपचार:
मधुमेह को जल्दी पहचानने और नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच और रक्त परीक्षण कराना आवश्यक है। जल्दी निदान और इलाज से मधुमेह की जटिलताओं से बचा जा सकता है।