इम्फाल (मणिपुर):- मणिपुर मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में घमासान मचा है। इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष आज अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस पर सरकार का बयान भी सामने आया है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष पर हमला किया है। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोगों को पीएम मोदी और भाजपा पर भरोसा है। वे (विपक्ष) पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस देश की जनता ने उन्हें (विपक्ष) सबक सिखाया है।
लोकसभा में आंकड़ों पर गौर करें तो विपक्ष को एक फिर मुंह की खानी पड़ेगी, क्योंकि लोकसभा में एनडीए मजबूत स्थिति में है। लोकसभा में अकेले भाजपा के पास 301 सांसद हैं। वहीं, एनडीए की बात करें तो 333 सांसदों को समर्थन उसे प्राप्त है। विपक्ष संख्या में काफी पीछे है। ‘इंडिया’ गठबंधन के पास कुल 142 सांसद ही हैं। सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के पास हैं।
बुधवार को संसद के मानसून सत्र का पांचवां दिन है। मणिपुर मुद्दे को लेकर सत्र में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। हंगामे की वजह से सदन में काम सूचारू रूप नहीं चल पा रहा है। बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव रखा है। विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए अविश्वास प्रस्ताव रखा है। सदन में आज भी हंगामे के आसार हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा उन्हें(विपक्ष) अविश्वास प्रस्ताव लाने दीजिए। हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। हम तो चाहते हैं कि मणिपुर पर चर्चा हो।
सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा -“यह अविश्वास प्रस्ताव एक राजनीतिक उद्देश्य के साथ एक राजनीतिक कदम है – एक राजनीतिक कदम जो परिणाम लाएगा…अविश्वास प्रस्ताव उन्हें (प्रधानमंत्री) संसद में आने के लिए मजबूर करेगा। हमें देश के मुद्दों पर, खासकर मणिपुर पर, संसद के अंदर चर्चा की जरूरत है। संख्याओं को भूल जाइए, वे संख्याएं जानते हैं और हम संख्याएं जानते हैं।”
मोदी सरकार और विपक्ष के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव प्रस्ताव दाखिल किया। वहीं भाजपा ने विपक्षी दलों को अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती देते हुए कहा था कि वो लाए तो सही, चर्चा तो करें। इससे 2024 में उनकी सीटें और ज्यादा बढ़ जाएगी।