नई दिल्ली :- असदुद्दीन ओवैसी ने जिस तरह से खुफिया विभाग में किसी भी मुस्लिम अधिकारी के ना होने का सवाल उठाया है उसपर कुमार विश्वास ने तीखा पलटवार किया है। कुमार विश्वास ने ओवैसी को चुनौती दी है कि आप इन बातों को खुलेआम बोलने की हिम्मत दिखाइए। कुमार विश्वास ने ओवैसी के ट्वीटर पर जवाब देते हुए लिखा, वक़ील साहब आपकी हर बात सर-आँखों पर बस ज़रा इतनी सी ज़हमत करें कि ये दो बहुत ज़रूरी बात आप भी एक-बार खुलेआम बोल भर दें।
कुमार विश्वास ने लइखा, बोलिए -“अगर इस्लाम और भारत में एक को चुनने का मौक़ा होगा तो मैं इस्लाम छोड़कर भारत चुनूँगा।””पता नहीं कितने लोग देश की सुरक्षा का सौदा करते हुए पकडे जाते हैं, ISI महिलाओं के फेक अकाउंट बना कर इन्हें फंसा लेती है।अगर क़ुरान शरीफ़ और संविधान में एक को चुनने का मौक़ा होगा तो मैं संविधान चुनूँगा।”
ओवैसी ने एक मीडिया रिपोर्ट की स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए लिखा था कि एक दशक में पहली बार आईबी की शीर्ष नेतृत्व में एक भी मुस्लिम अधिकारी नहीं होगा। यह मुसलमानों के प्रति भाजपा के संदेह को जाहिर करता है।
आईबी और रॉ विशिष्ट बहुसंख्यवादी संगठन बनकर रह गए हैं। आप हमेशा मुसलमानों से वफादारी का सबूत मांगते हैं, लेकिन आप उन्हें कभी भी बराबर का नागरिक नहीं समझते हैं।
ओवैसी ने कहा कि भारत के जासूसी और इंटेलिजेंस एजेंसियों में मुस्लिम अफ़सरों की कमी वाले मेरे ट्वीट पर लोगों ने बहुत सारे सवाल उठाए। मुसलमानों से पुछा जाता है कि मज़हब और मुल्क के बीच में किसे चुना जाएगा।
पता नहीं कितने लोग देश की सुरक्षा का सौदा करते हुए पकडे जाते हैं, ISI महिलाओं के फेक अकाउंट बना कर इन्हें फंसा लेती है। धर्म की बात तो दूर, क्या कोई इन्हें पूछेगा कि ये अपने हवस और देश के बीच किसे चुनते हैं? देश की राजनीति में राजनीतिक पलटवार होना आम बात हो गई है। सभी दलों के सदस्य एक दूसरे दल पर निशाना साधा करते हैं और मुद्दे उठाकर एक दूसरे पर प्रतिक्रिया भी करते हैं।