पंकज केसरी की स्पेशल रिपोर्ट
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- सुबे की सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य कर रही है पर सच्चाई का दूसरा पहलू यह भी है की लघु सिंचाई विभाग द्वारा आवंटित मुख्यमंत्री कूप निर्माण योजना के अंतर्गत इसके निर्माण में जमकर अनियमितता बरती गई।
शिकायतकर्ता ने समाधान दिवस में भी प्रार्थना पत्र देने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
शिकायतकर्ता ने समाधान दिवस में भी प्रार्थना पत्र देकर मामले को अवगत कराया लेकिन लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता द्वारा जानबूझकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया इतना ही नहीं संबंधित ठेकेदार में राजेश कुमार स्वर्गीय त्रिलोकनाथ निवासी राजपुर के खेत में कराए जा रहे मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत कूप निर्माण कार्य किया जा रहा था इसके मानको की इस प्रकार अनदेखी की गई कूप निर्माण जगह-जगह से बैठ गया और दर्रा पड़ने लगा।
यदि राजेश की बातों पर गौर करें तो निर्माण में घटिया सामग्री का भी प्रयोग किया गया है बीच में ठेकेदार से पूछने पर वह खुलेआम धमकी दिया जा रहा है कि तुम्हें जो कुछ भी करना है कर लो मुझे किसी भी बात का डर नहीं है इतना ही नहीं संबंधित ठेकेदार द्वारा राजेश को देख लेने और जान से मारने की भी धमकी दी जाती है।
राजेश ने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर एवं जिलाधिकारी से किया तो लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता ने कूप निर्माण की हकीकत को जानते हुए भी शिकायत को निराधार बताते हुए मामले का पटाक्षेप कर दिया।
ताज्जुब की बात है इस कूप निर्माण में व्यापक पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है तभी तो यह कूप निर्माण योजना समय से पहले जगह-जगह दर्रा के साथ धंसने के कगार पर खड़ी है, बड़ा सवाल आखिर इस बात का है क्या इसी तरह संबंधित विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेकेदारों द्वारा जमकर इस कूप निर्माण में अनियमितता बरतने के बावजूद आखिर क्यों नहीं करवाई किया गया।