कर्नाटक (बेंगलुरु) :- भाजपा ने पार्टी के 10 विधायकों को विधानसभा सत्र से निलंबित करने पर कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने उपाध्यक्ष रुद्रप्पा लमानी और विधानसभा सचिव एमके विशालाक्षी के साथ गुरुवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात कर उन्हें उन परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी, जिसके कारण बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दस विधायकों को निलंबित कर दिया गया । कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ‘अमर्यादित और अपमानजनक’ आचरण के लिए भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायकों को निलंबित किए जाने के विरोध में भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी सदन की कार्यवाही से बहिष्कार किया। विधानमंडल सत्र तीन जुलाई को शुरू हुआ था और आज इसका आखिरी दिन है।
भाजपा विधायकों ने विधान सौध में गांधी प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान इन सदस्यों ने सरकार और विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर के खिलाफ नारेबाजी की।
भाजपा और जद(एस) दोनों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात कर राज्य में कांग्रेस सरकार की ‘कार्यशैली’, इसकी ‘दमनकारी और तानाशाही’ प्रकृति और विधानसभा अध्यक्ष के आचरण के बारे में ज्ञापन सौंपा।
विधानसभा अध्यक्ष ने भी उपाध्यक्ष रुद्रप्पा लमानी के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी। विधानसभा में बुधवार को काफी हंगामा देखने को मिला था। भाजपा विधायकों ने विधेयकों और कार्यावली की प्रतियां फाड़ कर उस समय सदन का सचालन कर रही लमानी पर फेंक दिया था। इसके बाद अध्यक्ष खादर ने 10 विधायकों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।
जिन विधायकों को निलंबित किया गया उनमें सी एन अश्वत्थ नारायण, वी सुनील कुमार, आर अशोक, अरागा ज्ञानेंद्र, डी वेदव्यास कामथ, यशपाल सुवर्णा, धीरज मुनिराज, ए उमानाथ कोटियन, अरविंद बेलाड और वाई भरत शेट्टी शामिल हैं। इसके जवाब में भाजपा और जद(एस) के विधायकों ने विधानसभा सचिव को अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया था।