नई दिल्ली :- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन.ई.पी.) 2020 हमारे आस-पड़ोस की चुनौतियों से संबंधित एकीकृत एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, संचार और अनुसंधान के विकास के लिए है। अब तक पाठ्यपुस्तकों और समाज, शोध और सामाजिक चुनौतियों के बीच कोई संबंध नहीं रहा। लोगों की भाषा और कक्षा की पाठ्यपुस्तकों के बीच कोई समन्वय नहीं है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से इन बड़े अंतरालों को बहुत गंभीरता से लिया है। एन.ई.पी. ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से इसे दूर करने का लगातार प्रयास किया है। एन.ई.पी. 2020 का दृष्टिकोण समग्र और यथार्थवादी भी है क्योंकि भारत गांवों का देश है। हमारी 60 प्रतिशत आबादी कृषि गतिविधियों और उत्पादन पर निर्भर है।
हमारे छात्र लोग विषम परिवेशों से आते हैं। वे कई धर्मों, बहुभाषी पृष्ठभूमि और बहु आर्थिक स्तरों से हैं। पाठ्य पुस्तकों और शिक्षकों से छात्र समुदाय को संबोधित करने की अपेक्षा की जाती है।
आदिवासी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में समस्या अधिक जटिल है। कई छात्रों को भाषा के कारण सीखने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उनमें से कई छात्र ऐसे भी हैं जो विविध छात्र समुदाय तक पहुंचने वाली पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं। शिक्षक को बहुआयामी व्यक्तित्व वाला और आजीवन सीखने वाला भी होना चाहिए। आधुनिक दुनिया की अप्रत्याशित तकनीक ने दुनिया को और प्रतिस्पद्र्धात्मक बना दिया है। विशेषकर ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के डी.एन.ए. में कोई न कोई कौशल अवश्य होता है।
वे परिवार के घरेलू कामकाज में भी भाग लेंगे और कई बार अपने पारिवारिक कौशल, जैसे मिट्टी के बर्तन बनाना, बढ़ईगिरी, लोहार, सुनार आदि कार्य में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। लेकिन वर्तमान की पाठ्य पुस्तकों और उनके पारिवारिक कौशल के बीच कोई समन्वय नहीं है। एन.ई.पी. 2020 हमारी कृषि, हमारे जल निकाय, पोखर, जल संसाधन, गाय, भैंस, भेड़, बकरी और मुर्गी पालन आदि को हमारी पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने पर जोर देती है। यह एक ऐसी समाज की परिकल्पना करती है जिसमें समाज और कक्षा का वातावरण अनुकूल हो। कौशल शिक्षा के प्रवर्तक के रूप में एन.ई.पी. 2020 पाठ्यक्रम के व्यावसायीकरण के माध्यम से सीधे शिक्षा जगत एवं उद्योग जगत में संबंध स्थापित कर रही है और युवाओं को बढ़ईगिरी, लोहारी, यांत्रिकी, मुरम्मत कार्यशालाओं आदि में प्रशिक्षण जैसे आय-सृजन कौशल और उद्यमिता सिखाकर उन्हें सशक्त बना रही है। छात्रों के अंतर्निहित कौशल के संवर्धन के लिए यह अति आवश्यक है। इसके अलावा, आने वाले समय में विश्लेषणात्मक कौशल जैसे प्रतिभा प्रबंधन, ग्राहक सेवा उद्योग का विकास, कृषि, डिजिटल वाणिज्य, डाटा विज्ञान और व्यापार में बड़े पैमाने पर नौकरी में वृद्धि की उम्मीद है। भविष्य की नौकरियों के लिए भविष्य के कौशल को बढ़ावा देने के लिए एन.ई.पी. 2020 ध्यान केंद्रित करती है।