ग्वालियर ( मध्य प्रदेश):- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ग्वालियर में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर 2 महीनों से जल रहा है, घरो में आग लगाया जा रहा है, महिला के साथ अत्याचार हो रहा है, बच्चों के सर पर छत नहीं रहे और हमारे पीएम मोदी ने 77 दिन तक कोई बयान ही नहीं दिया। कल उन्हें मजबूरी में बोलना पड़ा क्योंकि एक भयावह वीडियो वायरल हुआ। उस बयान में भी उन्होंने राजनीति घोल दी…उन्होंने अपने बयान में विपक्ष के राज्य के नाम भी ले लिया।
इस दौरान प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने अपने भाषण में मुख्य रूप से मणिपुर हिंसा और महंगाई को लेकर मोदी सरकार को घेरा। प्रियंका गांधी ने कहा कि मणिपुर दो महीनों से जल रहा है, घरों में आग लगाई जा रही है, महिला के साथ अत्याचार हो रहा है, बच्चों के सिर पर छत नहीं रही और हमारे पीएम मोदी ने 77 दिन तक कोई बयान ही नहीं दिया। कल उन्हें मजबूरी में बोलना पड़ा, क्योंकि एक भयावह वीडियो वायरल हुआ। उस बयान में भी उन्होंने राजनीति घोल दी। उन्होंने अपने बयान में विपक्ष के राज्य के नाम भी ले लिया।
प्रियंका ने कहा कि दादी इंदिरा गांधी ने रानी लक्ष्मीबाई और महिलाओं की बहादुरी की कहानियां सुनाती थीं। क्या हमारी राजनीति आज केवल आरोप-प्रत्यारोप में फंस गई थी। क्या हम उससे ऊपर उठ सकते हैं। क्या हम जनता की बातें कर सकते हैं। स्वतंत्रता आंदोलन से भारतीय लोकतंत्र की नींव डली थी। वो सत्याग्रह था। वो सत्य की लड़ाई थी। हमारे देश की परंपरा रही है कि हम नेताओं में सभ्यता, सरलता, सादगी और सच्चाई ढूंढते हैं।
प्रियंका ने भाषण की शुरुआत राम-राम से की और बुंदेली भाषा में ग्वालियर-चंबल के लोगों से जुड़ने की कोशिश की। प्रियंका ने कहा- ग्वालियर में आकर खुशी हुई है। इससे पहले भी मैं यहां पीतांबरा माई के दर्शन के लिए आई हूं। मेरी दादी इंदिरा गांधी भी इस क्षेत्र में आ चुकी हैं। उन्होंने मुझे रानी लक्ष्मीबाई की कहानी खूब सुनाई। मुझे आपके क्षेत्र की वीरता की कहानियों के बारे में भी पता है। ग्वालियर आ रही थी तो मेरे साथियों ने मुझे मुद्दे भेजे। कौन-कौन मुद्दे हैं, जो ग्वालियर और मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण हैं। मुझे भाषण में क्या-क्या कहना चाहिए।जब मैं उन मुद्दों और सुझावों को पढ़ रही थी तो मुझे लगा कि ज्यादातर नकारात्मक बातें थीं।
प्रियंका ने कहा- मेरे मन में ये बात आई कि क्या हमारी राजनीति आज सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में फंस गई है। क्या इससे आगे भी कोई राजनीति हो सकती है।जो जनता के मतलब की बातें हों। भारतीय राजनीति की नींव स्वतंत्रता के आंदोलन में डली थी। स्वतंत्रता आंदोलन को सत्याग्रह का नाम दिया गया था। सत्य की लड़ाई थी।
यही हमारी राजनीति की नींव है। नेताओं में सरलता, सादगी और सच्चाई का स्वभाव है। आज परिस्थितियां बदल गई हैं। मंच पर एक-दूसरे के गुण और अवगुण गिनाते रहते हैं। जनता के असली मुद्दे डूब जाते हैं। आज कल अहंकार की राजनीति चलती है। आजकल भौकाल और शान-शोहरत की राजनीति है। बीच में जनता की समस्याएं और देश का सत्य डूब रहा है।