अमेरिका:- अमेरिका में वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन में आज कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और रिसर्च में आपसी सहयोग के लिए मैं कुछ विचार साझा करना चाहता हूं। इस साझा प्रयास में जरूरी है कि सरकार, उद्योग, एकेडेमिया, शिक्षक और छात्र सभी को शामिल किया जाए। इंडिया-अमेरिका टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम के बारे में भी हम सोच सकते हैं।
हमने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शिक्षा और स्कीलिंग को बढ़ावा दिया है। हमने स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की है जहां बच्चों को कई तरह के इनोवेशन करने के लिए हर सुविधाएं दी जा रही हैं। हमारा लक्ष्य इस तकनीकी दशक – Techade बनाने का है। आज भारत-अमेरिका को ग्रोथ की गति बनाए रखने के लिए एक पाइपलाइन ऑफ टैलेंट की भी ज़रूरत है।
जहां एक ओर अमेरिका के पास उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान और तकनीक हैं तो वहीं भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है। इसलिए मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की साझेदारी सस्टेनेबल और इंक्लूसिव ग्लोबल ग्रोथ का इंजन साबित होगी।
भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और रिसर्च में आपसी सहयोग के लिए मैं कुछ विचार साझा करना चाहता हूं। इस साझा प्रयास में जरूरी है कि सरकार, उद्योग, एकेडेमिया, शिक्षक और छात्र सभी को शामिल किया जाए। इंडिया-अमेरिका टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम के बारे में भी हम सोच सकते हैं।
दुनिया भर में फैले वैज्ञानिकों और उद्यमियों का भारत के संस्थानों के साथ संबंध बढ़ाने के लिए हमने 2015 में GIAN(ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स) अभियान शुरू किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि अब तक इसके तहत यूएस से 750 फैकल्टी मेंबर भारत आ चुके हैं। मैं यूएस में शिक्षा और रिसर्च से जुड़े सर्विंग और रिटायर लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे अपनी छुट्टियां खास तौर पर विंटर ब्रेक भारत में बिताएं और भारत को जाने। इसके साथ ही भारत की नई पीढ़ी के साथ अपना ज्ञान भी बांटे।
हमारा लक्ष्य इस तकनीकी दशक – Techade बनाने का है। आज भारत-अमेरिका को ग्रोथ की गति बनाए रखने के लिए एक पाइपलाइन ऑफ टैलेंट की भी ज़रूरत है। जहां एक ओर अमेरिका के पास उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान और तकनीक हैं तो वहीं भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है। इसलिए मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की साझेदारी सस्टेनेबल और इंक्लूसिव ग्लोबल ग्रोथ का इंजन साबित होगी।
स्कील इंडिया मिशन के तहत हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, ड्रोन और अन्य के क्षेत्र में अब तक 50 मीलियन लोगों को स्कील किया है।