बेंगलुरु (कर्नाटक):- कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि FCI (Food Corporation of India) ने 12 जून को पत्र लिखकर चावल देने का आश्वासन दिया था। भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय ने FCI के चेयरमैन और MD को 13 जून को यह बताते हुए पत्र लिखा कि हमने राज्यों के लिए चावल आदि देने पर रोक लगाई है। FCI का 14 जून को पत्र आता है कि FCI कर्नाटक राज्य को चावल दे पाने में संभव नहीं है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), जिसने पहले चावल की आपूर्ति का वादा किया था लेकिन अब इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा यह केंद्र सरकार द्वारा नफरत की राजनीति का एक उदाहरण है। भाजपा ने गरीबों का भोजन छीन लिया है। बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो गरीब जनता के साथ विश्वासघात करती है।
सिद्धरमैया ने कहा कि तेलंगाना ने चावल की आपूर्ति करने में असमर्थता जताई है जबकि छत्तीसगढ़ 1.50 लाख मीट्रिक टन चावल मुहैया कराने को लेकर तैयार है परंतु उसके द्वारा तय कीमत थोड़ी अधिक है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पड़ोसी आंध्र प्रदेश से भी बात कर रही है।
क्या है FCI
भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) ‘उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय’ के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अंतर्गत शामिल सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
FCI एक सांविधिक निकाय है जिसे भारतीय खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत वर्ष 1965 में स्थापित किया गया।
देश में भीषण अन्न संकट, विशेष रूप से गेहूँ के अभाव के चलते इस निकाय की स्थापना की गई थी।
इसके साथ ही कृषकों के लिये लाभकारी मूल्य की सिफारिश करने हेतु वर्ष 1965 में ही कृषि लागत और मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices- CACP) का भी गठन किया गया।
इसका मुख्य कार्य खाद्यान्न एवं अन्य खाद्य पदार्थों की खरीद, भंडारण, परिवहन, वितरण और बिक्री करना है