जयपुर (राजस्थान):- राजस्थान में फर्जी पेंशन लेने वालों का पर्दाफाश हुआ है। राज्य में वृद्ध पेंशन के लिए 150 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं। लेकिन इस पेंशन योजना में शामिल ऐसे लोगों की संख्या एक लाख से भी ज्यादा है।पेंशन के लिए सुहागिनें बनीं विधवा, मरे लोग जिंदा हुए।
राजस्थान में इन जगहों से फर्जी पेंशन उठाई गई
दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर और नागौर जिले सबसे ऊपर हैं जहां लोगों ने आयु संबंधी फर्जीवाड़ा करके पेंशन ले ली है। इन जिलों में दौसा में 13,955, करौली में 10,485, भरतपुर में 7,951, अलवर में 5,698 और नागौर में 4,898 लोगों ने इस तरीके से पेंशन लेने का गलत उपयोग किया है।
आय संबंधी गलत प्रमाण पत्र के मामलों में
बूंदी, झालावाड़, जयपुर, बारां और हनुमानगढ़ जिलों के लोग शीर्ष पर हैं। इन जिलों में झालावाड़ में 5,852, बूंदी में 5,553, जयपुर में 4,091, बारां में 3,913 और हनुमानगढ़ में 3,751 लोगों ने गलत तरीके से पेंशन प्राप्त की।
राजस्थान सरकार को 450 करोड़ का हुआ नुकसान
4 लाख लोगों का रिकॉर्ड फर्जीवाड़ा कर सरकार को 450 करोड़ का नुकसान हुआ है। राजस्थान के विभाग ने इस गड़बड़ी को ऑडिट में पकड़ा है। इस खुलासे के बाद राज्य सरकार फ़ौरन एक्टिव हो गई है और जिन भी लोगों ने इस तरह से फर्जीवाड़ा किया है उनकी पेंशन को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
10 हजार से ज्यादा लोगों की आयु 100 से अधिक
ऐसे लोगों में से 10 हजार से ज्यादा लोगों की आयु 100 से अधिक है। विभाग ने इन सभी लोगों के पेंशन खातों की जांच शुरू की है। कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोग मृतक के नाम से पेंशन ले रहे हैं। कई महिलाएं भी विधवा के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर दोहरी पेंशन ले रही हैं।
राजस्थान से बाहर के लोगों ने उठाई 150 करोड़ की पेंशन, 115 की उम्र वाले रडार पर
चेक करने पर नकली आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और पता पाए गए हैं। अब इनकी जांच की जा रही है। अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बस उनकी पेंशन रोक दी गई है।