लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- यूपी में भीषण गर्मी के कारण हाहाकार मचा हुआ है। लू के कहर के कारण जहां लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है, वहीं कई जानें जा चुकी हैं। प्रदेश में पूर्वांचल के जनपद सबसे लू की चपेट में हैं। बलिया जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटाने के साथ लखनऊ से एक टीम बलिया भेजी गई है, जो मौतों की वजह को लेकर जानकारी जुटा रही है. टीम में शामिल निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एके सिंह, डा. केएन तिवारी व संयुक्त निदेशक डॉ. मोहित कुमार ने मरीजों और तीमारदारों को हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए सुझाव को दिए हैं। हालांकि मौतों को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। अधिकारी भर्ती मरीजों के खून, यूरिन की जांच और पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रहे हैं।
डॉ. एके सिंह ने बताया कि इलाज के लिए आने वाले अधिकांश मरीजों की शिकायत है कि उन्हें पहले सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और फिर बुखार की शिकायत हुई। इसलिए यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट और अन्य टेस्ट करवाया जा रहा है। बाकी मरीज डर और दहशत की वजह से अस्पताल पहुंचे। भर्ती किए गए अन्य मरीजों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी। फिलहाल नमूने लिए जा रहे हैं और उसके बाद ही मौत के कारण की पुष्टि की जा सकती है।
जाने देवरिया जनपद का हाल
उधर देवरिया जनपद में भी लू जानलेवा साबित हुई है. यहां शनिवार से रविवार देर शाम तक 53 लोगों की मौत की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि 35 लोग मृत अवस्था में अस्पताल लाए गए, जबकि 18 मरीजों ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। अधिक मरीज आने से इमरजेंसी में अफरातफरी का माहौल बना रहा। हालांकि इन मौतों की लू की वजह से होने की पुष्टि नहीं हुई है्।
चिकित्सकों के मुताबिक भीषण गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ गए हैं। इसी वजह से अधिक लोगों की जान जा रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश कुमार झा ने लोगों को दोपहर में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। इसके अलावा गोरखपुर, कुशीनगर, बस्ती, महराजगंज और पूर्वांचल के अन्य जनपदों सहित कई जगह गर्मी और लू की वजह से लोगों की मौतों की खबर सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद आधिकारिक तौर पर मौत की वजह स्पष्ट करने की बात कही है।