रायपुर (छत्तीसगढ़):- छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पक्षी विहार में कथित तौर पर पक्षियों की मौत के कारण वहां लोगों के प्रवेश को वर्जित किया गया।
मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने कहा कि पक्षी अभी छोटे हैं और करीब हर पिंजरे में 10-12 पक्षी हैं। सभी पक्षी बाहर के हैं। शुरू में कुछ पक्षियों की पर्यावरण बदलने के कारण मृत्यु हुई थी उसके बाद किसी पक्षी की मृत्यु नहीं हुई है। मधुमक्खी के छत्ते को निकाले के लिए लोगों का प्रवेश वर्जित किया गया है।
पक्षी विहार के बनने के बाद विभाग ने दावा किया इस के अंदर देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 100 प्रजातियों के 200 से अधिक पक्षियों को रखा गया। हालात ये हैं कि पक्षी विहार में पक्षियों के रहने वाली अधिकतर जगहें खाली हैं, इससे पता चलता है कि यहां लाए गए अधिकतर पक्षी अब जीवित नहीं हैं। बताया जा रहा है कि यहां रखे गए अधिकतर पक्षी ठंडे वातावरण में रहने के अनुकूल थे, पक्षी विहार में लाने के बाद उनके अनुकूल वातावरण बनाने में अनदेखी की गई। साथ ही उनकी नियमित रुप से निगरानी भी नहीं गई।
जगदलपुर में करोड़ों की लागत से बनाए गए पक्षी विहार में सूनापन छाने लगा है। इसकी वजह है सैकड़ों की तादाद में पक्षियों की मौत हो जाना। जिम्मेदारों की माने तो कुछ ही पक्षियों की मौत हुई है। लेकिन बर्ड पार्क के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं।
विभाग के लापरवाही के कारण कई पक्षियों की मौत हो गई। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी अपनी गलती मानने की बजाय लगातार बहाने बना रहे हैं, वहीं कुछ अधिकारी पक्षी विहार का खुले होने का बहाना बना रहे हैं और तर्क दे रहे हैं अधिकतर पक्षी उड़ जा रहे हैं।
जगदलपुर में करोड़ों की लागत से बनाए गए पक्षी विहार में सूनापन छाने लगा है। इसकी वजह है सैकड़ों की तादाद में पक्षियों की मौत हो जाना। जिम्मेदारों की माने तो कुछ ही पक्षियों की मौत हुई है। लेकिन बर्ड पार्क के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं।
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