मेरठ:- उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस को ग्रामीणों ने दौड़ाकर पत्थर बरसाए हैं। इस दौरान पुलिस टीम जान बचाकर भागती रही। ग्रामीण करीब 200 मीटर तक दौड़ाकर पत्थर फेंकते रहे। इसके बाद एसपी सिटी 6 थानों की फोर्स और RRF लेकर पहुंचे। तब जाकर 200 पुलिस के जवानों ने गांव वालों को दौड़कर वहां से भगाया।
मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश पर डॉक्टर को एक जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पुलिस टीम सोमवार दोपहर कंकरखेड़ा के नंगलाताशी गांव पहुंची। फोर्स आने के बाद जब ग्रामीण भाग गए तब डॉक्टर को जमीन पर कब्जा दिलाया जा सका। पुलिस ने मामले में 5 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
कैलाशी अस्पताल से 300 मीटर दूर नंगलाताशी गांव में कब्रिस्तान के पास MDA की हजारों वर्ग मीटर जमीन है। इसमें 1191 मीटर जमीन दो साल पहले सरधना रोड निवासी डॉ. सागर तोमर संचालक लक्ष्य अस्पताल ने खरीदी थी। लेकिन जमीन पर कई लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था।
जमीन खाली कराने का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था। हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन को डॉक्टर को कब्जा दिलाने का आदेश जारी दिया था। हाइकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की टीम सोमवार को कब्जा दिलाने पहुंची थी। तभी गांव वालों ने ईंट-पत्थर से पुलिस की टीम पर पथराव शुरू कर दिया।जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो दूसरे पक्ष के वकील वीरेंद्र मलिक वकील ने उनका विरोध किया।
इस दौरान अफसरों ने वकील को बताया कि हाइकोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला दिया है। आपके पक्ष ने 8 बीघा सरकारी जमीन कब्जा की है। इस पर लोग भड़क गए और पुलिस टीम पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिया। अंत में प्रशासन और पुलिस ने मिलकर जमीन कब्जा मुक्त कराया।
वीरेंद्र मलिक ने कहा एमडीए और प्रशासन ने बिना कोर्ट के आदेश पर कब्रिस्तान की जमीन में डॉक्टर की जमीन को अलग दिखाने के लिए दीवार खड़ी करा दी है। कब्रिस्तान की दस हजार 50 मीटर जमीन मौके पर है। जबकि पूर्व में इससे बड़ी जमीन थी। एमडीए के खिलाफ हाईकोर्ट तक जाएंगे।
एमडीए ने जमीन की नपाई के बाद डॉक्टर की जमीन निशान लगा दिया गया है। कब्रिस्तान और आस-पास की जमीन की नपाई के दौरान संप्रदाय विशेष और दूसरे समुदाय के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। जिसके बाद इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा ने भीड़ को वहां से चले जाने को कहा। दोबारा आने व उन पर हमला करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।ACM सदर संगीता गौतम ने बताया हाईकोर्ट में दोनों पक्षों के बीच विवाद दायर था।
जिसमें डॉक्टर के पक्ष में हाईकोर्ट ने जमीन पर कब्जा दिलाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई की गई। कानूरी प्रक्रिया के तहत कब्जा दिलाया गया। डॉक्टर ने जेसीबी से अपने प्लाट की नींव खुदवाकर उसमें सीमेंट पिलर की दीवार खड़ी करा दी है।
उन्होंने कहा कि जिस समय ग्रामीणों ने पथराव किया। उस समय आईजी नचिकेता झा कंकरखेड़ा थाने से कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण कर रहे थे। वहीं CCTV के आधार पर अन्य आरोपियों ग्रामीणों को पकड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है।पुलिस टीम हाईकोर्ट के आदेश पर डॉक्टर को कब्जा दिलाने पहुंची थी। तभी ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया।
ग्रामीणों के पथराव के दौरान आस-पास के घरों में ईंट पत्थर चले गए थे जिस से लोगों ने घरों के दरवाजे बंद कर लिए।प्रशासन की टीम के सामने ग्रामीण पक्ष के वकील ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद प्रशासन की टीम ने हाईकोर्ट का हवाला देकर डॉक्टर को कब्जा दिलवाया।