उज्जैन (मध्यप्रदेश):- उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे में स्थापित छह मूर्तियों के गिर कर टूट जाने के बाद से राज्य की राजनीति भी तेज हो गई है।कांग्रेस इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह नए कहा कि महाकाल मंदिर के विकास के लिए कमलनाथ जी ने साढ़े 3 करोड़ रुपए मंजूर किए लेकिन दुर्भाग्य से हमारी सरकार चली गई और ठेका मिला किसको?
सप्तऋषि की मूर्तियां जिसके एक-एक मूर्तियों पर 45 लाख खर्च हुए वो हवा के झोंके से गिर गई लेकिन शासन-प्रशासन ने कहा कि हवा तेज थी इसलिए मूर्तियां गिर गईं। 7 मूर्तियों में से 6 मूर्तियां जो गिरी हैं इसकी पूरी जवाबदारी ठेकेदार के साथ-साथ उन सभी अधिकारियों की है जिन्होंने ठेका मंजूर किया है उन ठेकेदार को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बीजेपी धर्म के नाम पर व्यवसाय करती है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।