उज्जैन:- महाकाल लोक में आंधी से क्षतिग्रस्त हुई मूर्तियों के मामले में सियासत जारी है। मंगलवार को कांग्रेस की जांच कमेटी ने महाकाल लोक का जायजा लिया। निरीक्षण करने के बाद कहा कि इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार जरूर हुआ है। धर्म के नाम पर हो रहा खिलवाड़ दूसरी ओर मूर्तियों को सुधारने के लिए सूरत से कारीगर भी पहुंच चुके हैं। कारीगरों नेेे मूर्तियों को सही करना शुरू कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर महाकाल की नगरी में चली भीषण आंधी के बाद महाकाल लोक में उस समय तांडव मच गया था। जब यहां लगी सप्तऋषि की 10 से 25 फीट की 6 प्रतिमाएं अपने स्थान से नीचे गिर कर टूट गई थीं। भारतीय जनता पार्टी जहां प्रतिमाओं के गिरने के का कारण प्राकृतिक आपदा बता रही थी तो वहीं कांग्रेस पार्टी हमलावर होकर इस पूरे मामले में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करने की बात कह रही थी।
कांग्रेस का कहना है की कार्य में गड़बड़ी की गई है। निर्माण में मिलावट के कारण टूटी थी सप्तऋषि की मूर्तियां जिसके एक-एक मूर्तियों पर 45 लाख खर्च हुए वो हवा के झोंके से गिर गई लेकिन शासन-प्रशासन ने कहा कि हवा तेज थी इसलिए मूर्तियां गिर गईं। 7 मूर्तियों में से 6 मूर्तियां जो गिरी हैं इसकी पूरी जवाबदारी ठेकेदार और अधिकारियों को देना होगा। जिन्होंने ठेका मंजूर किया है उन ठेकेदार को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
महाकाल लोक में किया गया निरीक्षण
मंगलवार को कांग्रेस की 7 सदस्यों की टीम द्वारा महाकाल लोक में किए गए निरीक्षण के साथ ही सूरत के कलाकारों द्वारा सप्तऋषि की प्रतिमाओं को फिर से ठीक किए जाने की जानकारी मिली। जब पड़ताल की गई तो पता चला कि श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा तीन दिनों मे जो प्रतिमाएं लगाने की बात कही गई थी उसे सही साबित करने और प्रतिमाओं को जल्द से जल्द लगाकर इस पूरे विवाद को खत्म करने के लिए अभी इन्हीं प्रतिमाओं को ठीक कर सप्तऋषि मंडल में फिर से लगाया जा रहा है।
सूरत से 8 मूर्तिकारों को बुलाया गया
उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा सप्त ऋषियों की मूर्तियां महाकाल लोक के पीछे पार्किंग में रखवाई गई। जहां पर मंगलवार सुबह से इन मूर्तियों को पुनः सुधारने और अपना मूर्त रूप देने के लिए गुजरात के सूरत से 8 मूर्तिकारों का दल उज्जैन पहुंचा और सभी ने काम की शुरुआत की जोकि इन मूर्तियों को पुनः सुधारने में लगे हुए थे।
कांग्रेस ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मामले की जांच को लेकर कमेटी भी बैठक की थी। जिसके सदस्य पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, घट्टिया विधायक रामलाल मालवीय, नागदा विधायक दिलीप गुर्जर, महिला नेत्री शोभा ओझा, तराना विधायक महेश परमार, बडनगर विधायक मुरली मोरवाल, कांग्रेस नेता के के मिश्रा मंगलवार को उज्जैन पहुंचे, जहां उन्होंने महाकाल लोक का निरीक्षण किया। और कह की निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ।