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ताज कॉरिडोर घोटाले में CBI को मिली अभियोजन की स्वीकृति, बसपा सुप्रीमो मायावती की बढ़ी मुश्किल

लखनऊ:-  20 साल पुराने मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती और मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी फंस गए है। इस मामले में अब सीबीआई एक्शन ले रही है। सीबीआई को महेंद्र शर्मा के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिली है। महेंद्र शर्मा नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एजीएम थे।

वर्ष 2002 में मायावती ने ताजमहल और उसके आसपास के इलाके को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की थी। तब 175 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इन परियोजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी।

जिसके बाद जांच हुई थी। सीबीआई ने धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, साजिश समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड को इस कॉरिडोर करने का ठेका दिया गया था।

क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, आरोप लगा था कि पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी मिलने से पहले ही इस कॉरिडोर के लिए 17 करोड़ रुपए जारी कर दिया गया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में इस कॉरिडोर की पड़ताल करने के लिए आदेश दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले में 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

मायावती के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर गंभीर आरोप लगे थे। लेकिन मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही इस केस को चलाने की इजाजत देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद सीबीआई कोर्ट में चल रही जांच रुक गई थी। मगर अब फिर इस मामले में CBI एक्शन में आ गई है।

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