यरुशलम. इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने शुक्रवार को कोरोना वायरस वैक्सीन का तीसरा डोज लिया. इसके साथ ही देश में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के प्रसार को धीमा करने के प्रयासों के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर खुराक देने का अभियान शुरू कर दिया गया. 60 वर्षीय हर्ज़ोग को तेल अवीव के पास रमत गण में शेबा मेडिकल सेंटर में फाइजर/बायोएनटेक कोरोना-रोधी वैक्सीन की बूस्टर खुराक दी गई.
इस मौके पर हर्ज़ोग ने कहा कि उन्हें बूस्टर वैक्सीनेशन पहल शुरू करने पर गर्व है ‘जो इस बहुत ही चुनौतीपूर्ण महामारी में जीवन की सामान्य परिस्थितियों को यथासंभव सक्षम करने के लिए बेहद अहम है.’ हर्ज़ोग की पत्नी मीकल को भी वैक्सीन डोज दी गई. राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भी थे, जिन्होंने कोविड-19 महामारी से लड़ने में बूस्टर शॉट्स की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि सार्वजनिक टीकाकरण अभियान से हासिल होने वाली सभी सूचनाओं को इजरायल साझा करेगा.
बेनेट ने कहा, ‘इजरायल 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वृद्ध लोगों के लिए तीसरी खुराक देने के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है. कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई एक वैश्विक लड़ाई है. कोरोना वायरस को हराने का एकमात्र तरीका यही है कि पूरी दुनिया एकजुट रहे.’
बूस्टर अभियान की पूर्व संध्या पर बेनेट ने कहा कि इजरायल ने पहले ही 2,000 लोगों को तीसरी खुराक दी थी, जिसमें कोई गंभीर प्रतिकूल घटना सामने नहीं आई. इजरायल की सरकार को उम्मीद है कि टीकाकरण के प्रयासों से देश को लॉकडाउन से बचने में मदद मिलेगी. इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने शुक्रवार को बूस्टर अभियान का ऐलान किया और इस तरह इजराइल अपने नागरिकों को व्यापक स्तर पर पश्चिमी टीके की तीसरी खुराक देने वाला पहला देश हो गया है.
इजरायल कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान को आरंभ करने में विश्व नेता के तौर पर उभरा था. और 93 लाख की आबादी में से लगभग 57 प्रतिशत को वैक्सीन की डबल डोज लगाया था, जिसमें से 87% लोगों की उम्र 60 साल या उससे अधिक थी, जबकि 70 से अधिक उम्र वाले लोगों की तादाद 90 प्रतिशत से ज्यादा थी.
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