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तालिबान-अफगान बलों के बीच लड़ाई में 24 घंटे में 40 की मौत, 140 जिलों पर छूटा सरकार का कब्जा

काबुल. अमेरिका (America) और नाटो (NATO) बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में भारी संघर्ष हो रहा है. तालिबान (Taliban) और अफगानिस्तान (Afghanistan) सुरक्षा बलों के बीच चल रहे संघर्ष से हालात गंभीर हो चुके हैं. पिछले कुछ हफ्तों में, तालिबान ने देश के पूर्वोत्तर प्रांत तखर सहित अफगानिस्तान के कई जिलों पर कब्जा कर लिया है. आंकड़ों के अनुसार, तालिबान 140 जिलों पर कब्जा कर चुका है. अफगानिस्तान के कई शहरों में अफगानी बलों और तालिबान के बीच भारी झड़पें हो रही हैं. अफगान पर नजर रखने वालों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 28 घटनाएं हुई हैं. संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि लश्कर गाह में अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच लड़ाई में इस समयावधि में कम से कम 40 नागरिक मारे गए हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं.

लश्कर गाह में मारे गए लोगों में हेलमंद के नवजाद जिले के पुलिस प्रमुख मतिउल्लाह खान और अमेरिकी विशेष बलों के साथ काम करने वाले नंगरहार प्रांतीय परिषद के सलाहकार इम्दादुल्लाह भी शामिल हैं. दक्षिणी हेलमंद प्रांत के शहर में लड़ाई तेज होने के कारण अफगान बलों ने लश्कर गाह में तालिबान से मुकाबला किया.

अफगानिस्तान ने इन संगठनों पर लगाया आरोप
विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार और अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन ने मंगलवार को देश में तालिबान द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा की. अतमार ने राजधानी काबुल सहित आबादी वाले शहरों और केंद्रों पर तालिबान के हमलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की. स्थानीय समाचार चैनलों के अनुसार उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश में बढ़ते अपराधों के खिलाफ तालिबान पर दबाव बनाने की अपील की.

अतमार ने तालिबान का समर्थन करने वाले पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों और अन्य आतंकवादी संगठनों का नाम लिया. मंत्री अतमार ने उल्लेख किया कि तालिबान के हमले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), अंसारुल्लाह, जुंदाल्लाह, अल-कायदा, पूर्वी तुर्किस्तान, इस्लामिक मूवमेंट (ETIM), और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ उज़्बेकिस्तान (IMU)  के 10,000 से अधिक क्षेत्रीय आतंकवादियों के साथ सीधे मिलीभगत से किए गए थे.

इस बीच, तालिबान से लड़ रहे अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों (ANDSF) के लिए जनता का समर्थन बढ़ रहा है. हेरात में, जहां अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) कार्यालय पर हमला किया गया था, लोगों ने सुरक्षा बलों के पक्ष में नारे लगाए. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले छह दिनों से हेरात में बिजली नहीं है.

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