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जल संरक्षण की अनूठी मिसाल है सनसिटी का उम्मेद सागर बांध, Umaid Sagar Dam-unique example of water conservation-know full history– News18 Hindi

जोधपुर. जल ही जीवन है. जल संरक्षण (Water Conservation) के मिशन को लेकर बरसों पहले राजस्थान के राजा महाराजाओं ने कई महत्वपूर्ण विकास कार्य करवाये थे. राजा महाराजाओं के बनवाये हुए तालाब और बांध (Pond and Dam) आज भी जल संरक्षण की बेहतरीन मिसाल हैं. पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर का उम्मेद सागर बांध (Umaid Sagar Dam) जोधपुर शहर के साथ गांवों की भी प्यास बुझा रहा है. जोधपुर का मेहरानगढ़ किला (Mehrangarh Fort) शहर की पहचान है. लेकिन इस शहर में आज से दशकों पहले पानी की सबसे बड़ी समस्या थी. मानसून की बारिश ही शहर की प्यास बुझाने का एकमात्र जरिया था.

हर बार बारिश में जोधपुर अपनी निगाहें पाली शहर पर लगाए रखता था. पाली में अच्छी बारिश से जोधपुर शहर के नागरिकों की प्यास बुझती थी. पाली के जवाई बांध में पानी आने पर जोधपुर शहर को पीने का पानी मिलता था.

1936 उम्मेदसागर बांध का काम शुरू किया गया था
उस समय जोधपुर के तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह ने जोधपुर शहर में पानी की समस्या को दूर करने को लेकर योजना बनाई थी. 1936 में जोधपुर शहर के बाहर उम्मेद सागर बांध का निर्माण शुरू कराया गया. इतिहासकार डॉ. गजे सिंह राजपुरोहित के अनुसार उस समय जोधपुर के साथ मारवाड़ में अकाल पड़ चुका था. बारिश नहीं होने के चलते यहां के नागरिकों के पास रोजगार का साधन नहीं था. लिहाजा तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह ने जोधपुर की जनता को रोजगार देने के लिये जोधपुर शहर के बाहर उमेद सागर बांध का निर्माण करवाया था.

बांध से शहर के कई पहाड़ी इलाकों को जोड़ा गया
कई बरसों तक जोधपुर शहर की जनता उम्मेद सागर बांध बनाने के लिये काम करती रही उसके बदले उनको अनाज दिया जाता रहा. इतिहासकार बताते हैं कि उम्मेद सागर बांध को बनाने के साथ-साथ शहर के कई पहाड़ी इलाकों को उससे जोड़ा गया. इससे मानसून की बारिश में बहता पानी इस बांध में आने लगा. इससे जोधपुर शहर को पीने का पानी मिलने लगा. हालांकि आज पंजाब से लिफ्ट कैनाल का पानी जोधपुर पहुंच रहा है. लेकिन यह भी तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह के बनाए बांध में ही स्टोरेज होता है. उसके बाद इसे फिल्टर कर जोधपुर शहर की 20 लाख की आबादी के अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी पीने का पानी सप्लाई किया जाता है.

जनता आज भी तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह को याद करती है
शिक्षिका मीनाक्षी राठौड़ के अनुसार जोधपुर शहर की जनता आज भी तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह के पानी संरक्षण के इस विकास कार्य को याद करती हैं. वे बताती हैं कि उनके किये गये जल संरक्षण काम की बदौलत आज जोधपुर शहर को पीने का पानी मिल रहा है. बहरहाल मानसून की बारिश हो या लिफ्ट कैनाल से आने वाला पानी दोनों ही उम्मेद सागर बांध के साथ-साथ आसपास की बांधों में जमा हो रहा है. ये शहर के साथ-साथ जिले के कई ग्रामीण इलाकों की प्यास बुझा रहा है.

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