देहरादून: उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के तहत उपचार कराने वाले रोगियों से निजी चिकित्सालयों ने अगर बाहर से दवाई या उपकरण मंगाए तो 10 गुना तक जुर्माना लगाया जाएगा। रोगियों की शिकायतों के पश्चात् स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अफसरों को इसके निर्देश दिए गए हैं।दरअसल प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत लगभग 50 लाख आयुष्मान कार्ड बने हैं। योजना के तहत प्रत्येक महीने हजारों के आँकड़े में मरीज पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार कराते हैं। योजना के तहत कुल 120 के लगभग चिकित्सालय पंजीकृत हैं जहां मरीज उपचार करा सकते हैं। मगर रोगियों की निरंतर शिकायत है कि मुफ्त उपचार की सुविधा के बावजूद बड़े स्तर पर निजी चिकित्सालय मरीजों से बाहर की दवा या उपकरण मंगा रहे हैं। इससे लोगों को अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ रहा है। अभी तक तीन गुना जुर्माना ही वसूला जाता था। मगर अब स्वास्थ्य मंत्री ने इस जुर्माने को 10 गुना बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।