नई दिल्ली:- भारतीय रेलवे हर दिन नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में बन रहा रियासी रेलवे स्टेशन न केवल तकनीकी दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि यह पर्यटन और सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। यह स्टेशन कटड़ा से लगभग 16.5 किलोमीटर दूर स्थित है और इसकी सबसे खास बात यह है कि यह तीन अलग-अलग संरचनात्मक क्षेत्रों—जमीन, पुल और सुरंग—में निर्मित किया जा रहा है।
पहाड़ों को चीरकर बना आधार
रियासी स्टेशन का अधिकांश भाग उस पहाड़ी इलाके में बनाया गया है जहाँ तक पहुँचना आसान नहीं था। इंजीनियरों ने अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर पहाड़ों को काटकर समतल जमीन तैयार की है, जिस पर रेलवे स्टेशन का मुख्य ढांचा खड़ा किया गया है। यह निर्माण कार्य कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ने वाले उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना (USBRL) का हिस्सा है।
सुरंग में ट्रेन, रोमांच यात्रियों के लिए
इस स्टेशन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि प्लेटफॉर्म का एक सिरा एक लंबी सुरंग से जुड़ा है। जैसे ही ट्रेन स्टेशन में प्रवेश करेगी, उसका कुछ हिस्सा सुरंग के अंदर होगा, जिससे यात्रियों को ऐसा लगेगा मानो वे किसी फिल्मी दृश्य का हिस्सा हों। सुरंगें आधुनिक वेंटिलेशन और लाइटिंग तकनीकों से लैस हैं, जिससे यात्रियों को कोई असुविधा नहीं होगी
पुल पर दौड़ती ट्रेन, नीचे गहराई
स्टेशन के एक छोर पर पुल भी बनाया गया है, जो नदी और घाटियों के ऊपर से गुजरता है। यह पुल सिर्फ मजबूत ही नहीं, बल्कि बेहद खूबसूरत भी है। जब ट्रेन इस हिस्से से गुजरेगी, तो यात्री नीचे की गहराई और चारों ओर फैले प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हुए सफर का आनंद ले सकेंगे।
सामरिक और पर्यटन दोनों में उपयोगी
यह रेलवे स्टेशन केवल यात्री सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामरिक महत्व भी है। यह इलाका भारत-पाक सीमा के काफी करीब है, ऐसे में यह रेलवे मार्ग सेना और अन्य सुरक्षा बलों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। साथ ही, कटरा और वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए भी यह मार्ग बेहद फायदेमंद होगा।
रियासी रेलवे स्टेशन तकनीक, रोमांच और विकास का अद्भुत संगम है। जब यह स्टेशन पूरी तरह से चालू होगा, तब यह न केवल यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय रेलवे की तकनीकी क्षमता का विश्वस्तरीय उदाहरण भी बनेगा। जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील और सुंदर क्षेत्र में ऐसा निर्माण कार्य भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की नई ऊँचाइयों को दर्शाता है।