नई दिल्ली :- आज के डिजिटल युग में जब हर व्यक्ति इंटरनेट से जुड़ा है, हमारी ऑनलाइन गतिविधियाँ—चाहे वह कोई ऐप डाउनलोड करना हो, वेबसाइट खोलना हो या सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना—लगातार डेटा का उत्पादन कर रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही डेटा अब आपकी कमाई का जरिया भी बन सकता है? इसी सोच को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘D वॉलेट योजना’ की शुरुआत की है।
क्या है ‘D वॉलेट’ योजना?
‘D वॉलेट’ (Data Wallet) एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे भारत सरकार की ओर से लॉन्च किया गया है, जिससे नागरिक अपने व्यक्तिगत डेटा पर नियंत्रण रखते हुए उससे कमाई कर सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है—डेटा की शक्ति को जनता के पक्ष में उपयोग में लाना, ताकि सिर्फ बड़ी टेक कंपनियाँ ही नहीं, आम लोग भी अपने डेटा का आर्थिक लाभ उठा सकें।
कैसे होता है डेटा से कमाई?
जब भी आप कोई वेबसाइट या ऐप इस्तेमाल करते हैं, तो वो आपके व्यवहार से जुड़े डेटा इकट्ठा करते हैं, जैसे:
आपकी पसंद और रुचियाँ
सर्च हिस्ट्री
खरीदारी के पैटर्न
स्थान (लोकेशन) डेटा
सोशल मीडिया एक्टिविटी
अब ‘D वॉलेट’ के ज़रिए, उपयोगकर्ता अपने डेटा को सुरक्षित ढंग से साझा करने के लिए अनुमति दे सकते हैं। इसके बदले में उन्हें मॉनिटरी रिवॉर्ड (पैसे, कैशबैक या डिजिटल टोकन) मिलता है।
यह योजना कैसे काम करती है?
1. पंजीकरण: नागरिकों को ‘D वॉलेट’ ऐप या वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा और अपनी डेटा प्रोफाइल बनानी होगी।
2. डेटा नियंत्रण: उपयोगकर्ता तय करेगा कि कौन-सी जानकारी किसके साथ साझा करनी है।
3. डाटा शेयरिंग: कुछ कंपनियां विश्लेषण (analytics) के लिए वैध तरीके से डेटा खरीदना चाहेंगी।
4. कमाई: उपयोगकर्ता को उसके डेटा उपयोग के बदले भुगतान किया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया डेटा प्राइवेसी कानूनों के तहत नियंत्रित रहेगी, जिससे उपयोगकर्ता का व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित रहेगा।
योजना का उद्देश्य
डेटा डेमोक्रेसी: आम नागरिक को डेटा के अधिकार और उपयोग की शक्ति देना।
आर्थिक अवसर: उन लोगों को आय का नया साधन देना, जिनके पास अन्य कमाई के संसाधन सीमित हैं।
डिजिटल साक्षरता: लोगों को अपने डेटा के मूल्य और उपयोग के प्रति जागरूक करना।
क्या हैं इसके फायदे?
उपयोगकर्ता की प्राइवेसी पर पूरा नियंत्रण रहेगा।
डिजिटल दुनिया में आर्थिक भागीदारी का अवसर मिलेगा।
कंपनियों के लिए भी डेटा हासिल करने का वैध और पारदर्शी तरीका बनेगा।