कानपुर: कानपुर से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है जहां आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर दो स्लीपर बसों के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस दुर्घटना में कुल 26 यात्री घायल हो गए। हादसा मंगलवार तड़के उस समय हुआ जब एक तेज रफ्तार स्लीपर बस ने आगे चल रही दूसरी बस में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक बस अनियंत्रित होकर पलट गई।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि हादसे की वजह बस के चालक को झपकी आना था। बताया जा रहा है कि तेज गति से चल रही बस के ड्राइवर को नींद की झपकी आई और वह आगे चल रही बस को देख नहीं पाया। परिणामस्वरूप दोनों बसों की टक्कर हो गई। टक्कर के बाद सवारियों में चीख-पुकार मच गई और आसपास से गुजर रहे वाहन चालकों ने फौरन पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी।
घटना की सूचना मिलते ही यूपीडा पुलिस और एक्सप्रेस-वे की त्वरित प्रतिक्रिया टीम मौके पर पहुंच गई। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया। घायलों को पास के कन्नौज और कानपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गनीमत यह रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कुछ यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है।
एक घायल यात्री रमेश सिंह ने बताया, “हम लोग रात में आराम से सो रहे थे, अचानक एक जोरदार धमाका हुआ और बस पलट गई। हम समझ भी नहीं पाए कि क्या हुआ। कुछ लोग सीटों से गिर गए, कुछ लोगों को शीशों से चोटें आईं।”
बस में महिलाएं और बच्चे भी सवार थे, जिन्हें भी मामूली चोटें आई हैं। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि टक्कर इतनी तेज थी कि बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यात्रियों को बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस ने दोनों बस चालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह बात साफ हो गई है कि हादसा ड्राइवर की लापरवाही और अत्यधिक थकावट के कारण हुआ। अक्सर देखा गया है कि लंबी दूरी की बसों के चालक लगातार ड्राइविंग करते हैं और पर्याप्त आराम नहीं ले पाते, जिससे इस तरह के हादसे होते हैं।
यूपी सरकार और परिवहन विभाग ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि बस ऑपरेटरों को ड्राइवरों की ड्यूटी के बीच पर्याप्त विश्राम देने का निर्देश पहले ही जारी किया जा चुका है, जिसका उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि सड़क सुरक्षा और नियमों की अनदेखी कितनी भारी पड़ सकती है। जरूरी है कि बस ऑपरेटर समय-समय पर ड्राइवरों की स्वास्थ्य जांच करें और नियमों का पालन सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि समय से पहुंचने की होड़।