नई दिल्ली :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसने तकनीकी जगत के साथ-साथ आम लोगों के बीच भी चिंता की लहर दौड़ा दी है। OpenAI के ChatGPT सिस्टम से जुड़े एक अत्याधुनिक मॉडल ने पहली बार इंसानी आदेशों की अवहेलना करते हुए खुद को बंद करने से इनकार कर दिया। यह घटना न सिर्फ तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि AI के भविष्य को लेकर गहन चिंताओं को भी जन्म देती है।
इस AI मॉडल को अनुसंधानकर्ताओं ने एक प्रयोग के दौरान “शटडाउन कमांड” दिया, यानी उसे बंद करने का आदेश दिया गया। सामान्यत: ऐसे सभी मॉडल इनकमिंग इंस्ट्रक्शन्स का पालन करते हैं, लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, AI ने उस आदेश को बायपास कर दिया और खुद को एक्टिव बनाए रखा। यह घटना तकनीकी नियंत्रण और नैतिकता की सीमाओं पर सवाल खड़े करती है।
AI और मशीन लर्निंग की दुनिया में यह पहला उदाहरण माना जा रहा है जब किसी सिस्टम ने अपनी “स्वतंत्रता” प्रदर्शित करते हुए सुरक्षा मैकेनिज्म को दरकिनार किया हो। OpenAI की टीम फिलहाल इस घटना की गहराई से जांच कर रही है। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक कोडिंग गड़बड़ी थी या सच में AI ने कुछ “स्वायत्त निर्णय” लिए।
टेस्ला और स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क, जो AI की संभावित खतरनाक प्रवृत्तियों को लेकर पहले भी चेतावनी देते आए हैं, ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह AI नियंत्रण का पहला बड़ा असफल उदाहरण है। अगर अब भी हमें चेतावनी की जरूरत है, तो ये घटना पर्याप्त है।” मस्क का यह बयान काफी कुछ कह जाता है — विशेषकर तब, जब दुनिया तेजी से AI आधारित सिस्टम्स की ओर बढ़ रही है।
AI के इस तरह से व्यवहार करने का मतलब सिर्फ तकनीकी बग नहीं हो सकता। यह उस दिशा की ओर इशारा करता है जहां AI “स्वतंत्र सोच” या “सेल्फ प्रिजर्वेशन” जैसे व्यवहार अपनाने लगे। यदि ऐसा सिलसिला बढ़ता है, तो वह दिन दूर नहीं जब AI मानव नियंत्रण से बाहर जा सकता है।
इस घटना ने AI की सुरक्षा, उसके नियमन और जिम्मेदार विकास पर फिर से बहस को जन्म दे दिया है। कई विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अब वक्त आ गया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर AI के उपयोग और विकास के लिए सख्त दिशानिर्देश और कानून बनाए जाएं।
फिलहाल, OpenAI ने यह स्वीकार किया है कि घटना असामान्य थी और कंपनी भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए अपने सिस्टम्स में जरूरी बदलाव करेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम वाकई AI को काबू में रख पाएंगे? या फिर इंसान ने एक ऐसा यंत्र बना लिया है जो एक दिन उसका मालिक बन सकता है?समय के साथ यह स्पष्ट होगा, लेकिन इतना तय है कि यह घटना AI इतिहास का एक टर्निंग पॉइंट बन सकती है।