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भारत-कनाडा संबंधों में नई हवा: अर्थव्यवस्था और प्रवासी समर्थन

नई दिल्ली:- भारत और कनाडा के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अर्थव्यवस्था और प्रवासी समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कनाडा में 18 लाख से अधिक की संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक हैं।
आर्थिक संबंध
भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 8 अरब डॉलर का है, और कनाडा ने भारत में 10 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनाई है। इन संबंधों को मजबूत करने के लिए, दोनों देशों को व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
प्रवासी समर्थन
कनाडा में भारतीय प्रवासियों ने दोनों देशों के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे न केवल आर्थिक रूप से योगदान करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक आदान-प्रदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कनाडा में भारतीय प्रवासियों के समर्थन से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई हवा आ सकती है।
चुनौतियाँ
हालांकि, दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ चुनौतियाँ भी हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद, भारत ने कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था। इस घटना ने दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है।
संबंधों को सुधारने के तरीके
दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए, निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं ¹:
– व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना: दोनों देशों को व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हो सकें।
– प्रवासी समर्थन को बढ़ावा देना: कनाडा में भारतीय प्रवासियों के समर्थन से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई हवा आ सकती है।
– राजनीतिक संवाद: दोनों देशों को राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव कम हो सके।
– सांस्कृतिक आदान-प्रदान: दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने से दोनों देशों के बीच संबंधों में मजबूती आ सकती है।
भारत और कनाडा के बीच संबंधों को सुधारने के लिए, अर्थव्यवस्था और प्रवासी समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दोनों देशों को व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, प्रवासी समर्थन को बढ़ावा देने, राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देने, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में नई हवा आ सकती है और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित हो सकते हैं।

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