नई दिल्ली :- राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। पिछले कुछ महीनों से जहां स्थिति सामान्य बनी हुई थी, वहीं अब एक सप्ताह के भीतर 99 नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग और आम जनता की चिंता बढ़ गई है। वर्तमान में 104 सक्रिय मरीज दिल्ली में हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि महामारी का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े चिंताजनक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, बीते सात दिनों में जहां 99 नए कोविड-19 मरीज सामने आए हैं, वहीं इस दौरान केवल 24 मरीज ही स्वस्थ हुए हैं। इसका मतलब यह है कि संक्रमण की दर में तेजी देखने को मिल रही है। हालांकि अभी तक किसी गंभीर मामले या अस्पताल में भर्ती की स्थिति नहीं आई है, फिर भी यह वृद्धि सतर्कता का संकेत है।
मौसम और भीड़भाड़ भी एक वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में बदलाव, प्रदूषण, और त्योहारों व गर्मी की छुट्टियों के चलते बाजारों और सार्वजनिक जगहों पर बढ़ती भीड़ इसके पीछे एक बड़ी वजह हो सकती है। साथ ही अब अधिकतर लोग मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग नहीं कर रहे, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है।
क्या कहती है स्वास्थ्य व्यवस्था?
दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि हालात पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर फिर से टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यदि मामलों में इसी तरह इज़ाफा होता रहा, तो कुछ नई गाइडलाइंस जारी की जा सकती हैं।
जनता को भी बरतनी होगी सावधानी
इस समय जनता की जागरूकता सबसे अहम हथियार है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, मास्क का फिर से उपयोग शुरू करें और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें। बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
वैक्सीनेशन की स्थिति
दिल्ली में अधिकांश आबादी को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं और बूस्टर डोज़ भी कई लोगों ने ले ली है। फिर भी वायरस के नए वैरिएंट्स से खतरा बना हुआ है। वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि समय-समय पर मामूली लहरें आ सकती हैं, जो धीरे-धीरे खत्म भी हो जाएंगी यदि हम सतर्क रहें।
दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में हुई ताजा वृद्धि एक चेतावनी है कि महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। हालात भले गंभीर न हों, लेकिन सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ा इलाज है। सरकार अपनी जगह काम कर रही है, अब ज़िम्मेदारी हमारी भी बनती है कि हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और अपने साथ-साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखें।